छत्तीसगढ़ राज्य मे पंचायती राज अधिनियम 1992 Chhattisgarh Panchayati Raj Adhiniyam


छत्तीसगढ़ राज्य मे पंचायती राज अधिनियम 1992 को अविभाजित मध्प्रदेश में 2000 तक के संसोधनो साथ राजपत्र क्रमांक 134 दिनांक 18/06/2001 द्वारा अनुकूलन किया गया। मध्प्रदेश मे नवम्बर 2000 के बाद हुए संसोधन छत्तीसगढ़ मे नही है। छत्तीसगढ़ राज्य गठन के बाद 5 संसोधन हुए है।छत्तीसगढ़ मे त्रिस्तरीय ( जिला, जनपद, ग्राम ) पंचायती राज व्यवस्था लागू है।

छत्तीसगढ़ पंचायती राज अधिनियम :- 
  • 30 दिसम्बर 1993 मध्यप्रदेश पंचायत राज अधिनियम 1993 विधानसभा में पारित।
  • 24 जनवरी 1994 को राज्यपाल का अनुमोदन।
  • 25 जनवरी 1994 को राजपत्र में प्रकाशित।
  • 7 जून 2001 छत्तीसगढ़ शासन ने विधियों के अनुकूल आदेश 2001 बनाया।
  • 18 जून 2001 को विधियों के अनुकूल आदेश राजपत्र में प्रकाशित । 
  • 1 नवम्बर 2000 छत्तीसगढ़ में विधियों के अनुकूलन आदेश 2001 प्रवृत्त।

इस अधिनियम में कुल 9 भाग 16 अनुच्छेद है। और 12 अध्याय, 132 धाराएं है।

>> पंचायती राज अधिनियम 1993 की धराये एवं विषय।

वर्तमान छत्तीसगढ़ राज्य मे कुल 10971 ग्राम पंचायत,  146 जनपद पंचायत,  27 जिला पंचायत है।

ग्राम पंचायत :
अधिनियम 1992 के अनुच्छेद 243 (ख) मे ग्राम पंचायत गठन का प्रावधान है। गाँव या गाँव के समूह के लिये ग्राम पंचायत का गठन होगा।
ग्राम पंचायत पंचो और सरपंच ( मुखिया ) से मिलकर बनती है। जो प्रत्यक्ष मतदान से चुने जाते है। पंचायत वार्डों मे विभाजित रहता है। प्रत्येक मे 1 पंच होता है। वार्डो की संख्या 10 से 20 हो सकती है।
ग्राम पंचायत मे महिलाओं के लिये न्यूनतम आरक्षण 1/3 है। छत्तीसगढ़ राज्य मे 50% है,  जो चक्रानुक्रम मे  लाटरी पध्दति से कलेक्टर द्वारा दो पंचवर्षीय के लिये आबंटित किये जाते है।

ग्राम सभा:
छत्तीसगढ़ पंचायती राज अधिनियम के अनुच्छेद 243 ( क ) के अनूसार राज्यपाल ग्राम या ग्रामों के समूह को एक ग्राम सभा धोषित कर सकता है। ग्राम के सभी मतदाता ग्राम सभा के सदस्य होते है, यह सभा कभी भी भंग नही होती।
ग्राम सभा पंच या सरपंच वापस बुलाने ( Recall ) की मांग कर सकती है।

संसोधन: सरपंच का चुनाव सीधे मतदान से ना हो कर पंचो द्वारा चुना जाएगा।

Last Update : 31 October 2019