6/01/2024

सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा से संबंधित तथ्य Sikkim Krantikari Morcha



सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा भारतीय राज्य सिक्किम में एक राजनीतिक दल है जो 2019 से सिक्किम की सत्तारूढ़ पार्टी है।

स्थापना :

पी.एस. गोले सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (एसडीएफ) के प्रमुख हस्तियों में से एक थे और सिक्किम सरकार में मंत्री थे। दिसंबर 2009 से वह एसडीएफ के अध्यक्ष और सिक्किम के पूर्व मुख्यमंत्री पवन कुमार चामलिंग के मुखर आलोचक रहे हैं। उन्होंने 4 फरवरी 2013 को सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा पार्टी (SKM) की शुरुआत की। गोले 28 मई 2019 को सिक्किम के मुख्यमंत्री बने और इस तरह चामलिंग के 25 साल के शासन का अंत हुआ।


चुनाव : 

एसकेएम ने 12 अप्रैल 2014 को हुए विधानसभा चुनाव में सभी 32 निर्वाचन क्षेत्रों से चुनाव लड़ा। एसकेएम ने 10 सीटें जीतीं और सिक्किम विधानसभा में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी और विपक्ष बन गई। उन्होंने चुनाव में 40.8% वोट हासिल किए। सिक्किम के पूर्व मुख्यमंत्री नर बहादुर भंडारी ने एसकेएम पार्टी को बिना शर्त समर्थन दिया और अपनी पार्टी सिक्किम संग्राम परिषद को 2014 के चुनावों में भाग लेने से वापस ले लिया और एसकेएम पार्टी के प्रचार चरण के दौरान सक्रिय भूमिका निभाई। संभवतः सिक्किम के पूर्व मुख्यमंत्री बी. बी. गुरुंग ने सत्तारूढ़ एसडीएफ पार्टी से इस्तीफा देकर एसकेएम पार्टी को अपना समर्थन दिखाया।

13 सितंबर 2014 को हुए सिक्किम विधानसभा के उपचुनाव के लिए, एसकेएम ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ गठबंधन किया और भाजपा के उम्मीदवार बिकाश बसनेत का समर्थन किया।

वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में एसकेएम(SKM) ने सभी 32 निर्वाचन क्षेत्रों पर चुनाव लड़ा और 17 निर्वाचन क्षेत्रों में जीत हासिल की, इस प्रकार सिक्किम में पवन कुमार चामलिंग (SDF) के 25 वर्ष के शासन का अंत हो गया।

5/29/2024

गौवंश अभयारण्‍य योजना

 केंद्र सरकार की गोवर्धन योजना की तरह छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री विष्णुदेव ने गोवंशों को सुरक्षित रखने के लिए गो अभयारण्य बनाया जाएगा। 

5/09/2024

भारत के पहले आम चुनाव में बी.आर. अम्बेडकर को हराने वाले व्यक्ति


नारायण सदोबा काजरोलकर एक भारतीय स्वतंत्रता कार्यकर्ता, गांधीवादी, सामाजिक कार्यकर्ता और दलित नेता थे। वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य थे। वर्ष 1953 को पहले पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य बने थे, जो अनुसूचित जाति समुदायों का प्रतिनिधित्व करते थे। वह दलित वर्ग संघ के भी सदस्य थे।


बी.आर. अंबेडकर की आलोचना और राजनीतिक :

अंबेडकर को कजरोलकर पक्षपाती मानते थे। काजरोलकर ने अंबेडकर की आलोचना करते हुए कहा था कि धन को चंबर और मंग जैसे अन्य लोगों के बीच समान रूप से विभाजित करने के बजाय अपनी जाति, महार पर खर्च करते हैं।

कजरोलकर जी को भारत के पहले आम चुनाव में बी.आर. अम्बेडकर को हराने वाले व्यक्ति के रूप में जाना जाता है। वर्ष 1952 में मुंबई उत्तर मध्य निर्वाचन क्षेत्र से पहले लोकसभा चुनाव में उन्हें 15000 से अधिक वोटों से हराया था। वर्ष 1962 के चुनाव में वह दूसरी बार भी उसी निर्वाचन क्षेत्र से चुने गए।

भारत के पहले आम चुनाव से संबंधित रोचक तथ्य। First Lok Sabha election of India


भारत के पहले आम चुनाव से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य :

  1. पहले आम चुनाव में (जम्मू और कश्मीर को छोड़कर) कुल 173,212,343 मतदाता पंजीकृत थे, जिससे यह उस समय का सबसे बड़ा चुनाव बन गया। 21 वर्ष से अधिक आयु के सभी भारतीय नागरिक मतदान करने के पात्र थे।
  2. वर्ष 1949 में एक चुनाव आयोग बनाया गया और मार्च 1950 में सुकुमार सेन को पहले मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में नियुक्त किया गया। एक महीने बाद संसद ने जन प्रतिनिधित्व अधिनियम पारित किया।
  3. भारत में पहला आम चुनाव 25 अक्टूबर 1951 और 21 फरवरी 1952 के बीच हुए, जो 1947 में भारत को आजादी मिलने के बाद पहला चुनाव था।
  4. चुनाव के पहले वोट हिमाचल प्रदेश की चीनी तहसील (जिला) में डाले गए।
  5. भारत का पहला आम चुनाव 68 चरणों में सम्पन्न हुआ था। कुल 196,084 मतदान केंद्र बनाए गए, जिनमें से 27,527 बूथ महिलाओं के लिए आरक्षित थे।
  6. कुल 53 पार्टियों और 533 निर्दलीय उम्मीदवारों ने 489 सीटों पर चुनाव लड़ा।
  7. भारत के पहले आम चुनाव से पहले बीआर अंबेडकर ने कांग्रेस छोड़ दिया और अनुसूचित जाति महासंघ के अंदर बॉम्बे से चुनाव लड़ा परंतु कांग्रेस के नारायण काजरोलकर ने 15000 वोटो से हरा दिया।
  8. प्रथम आम चुनाव में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आईएनसी) को 45% वोट मिले और 489 में से 364 सीटें जीतीं। दूसरे स्थान पर रही सोशलिस्ट पार्टी को 11% वोटो के साथ भारत की दूसरी बड़ी पार्टी बानी और उसने 12 सीटें जीतीं। परंतु CPI ने 3.29% वोट मिलने के बाद भी 16 सीटो पर जीत दर्ज की।
  9. भारतीय जनसंघ ने भी पहले आम चुनाव 1951-52 में हिस्सा लिया था, जिसमें उसने केवल तीन लोकसभा सीटें जीती थीं, जिसमें हिंदू महासभा द्वारा जीती गई चार सीटें और राम राज्य परिषद द्वारा जीती गई तीन सीटें थीं। 
  10. प्रथम लोकसभा के अध्यक्ष गणेश वासुदेव मावलंकर थे।


4/24/2024

दुनिया का सबसे अच्छा इंसान कौन था ?



भगवान श्री राम, को हिंदू (सनातन) परंपरा में, विशेषकर महाकाव्य रामायण में एक आदर्श व्यक्ति माना जाता है। भगवान श्री राम को दुनिया का सबसे अच्छा इंसान माना जाता है। वे धार्मिकता, कर्तव्य, करुणा और आत्म-बलिदान के गुणों का प्रतीक है, जो उसे एक अत्यधिक सम्मानित चरित्र बनाता है उसके आधार पर हम कह सकते है कि दुनिया का सबसे अच्छा इंसान भगवान श्री राम थे। इस पोस्ट में कुछ कारण बताए गए हैं कि क्यों उन्हें पूरी दुनिया का सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति के रूप में देखा जाता है:


धर्म का पालन : श्री राम "धर्म" या धार्मिकता का पालन करने के लिए जाने जाते हैं, तब भी जब यह चुनौतीपूर्ण था। कर्तव्य और नैतिक सिद्धांतों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता सदाचार के मार्ग का उदाहरण है। 

जिस दिन उन्हें राजा बनना था उसके एक दिन पहले उनके पिता दशरथ के द्वारा वनवास का आदेश दिए जाने का उन्होंने शोक नहीं किया। उसे अपने पिता की आज्ञा मान पालन किया।


करुणा और दयालुता : श्री राम को दयालु और देखभाल करने वाले के रूप में चित्रित किया गया है। उनकी दयालुता हर किसी पर फैली हुई है, चाहे उनकी पृष्ठभूमि या स्थिति कुछ भी हो, जैसा कि वनगम के दौरान हनुमान, सुग्रीव, जटायु और अन्य लोगों के साथ उनकी बातचीत में देखा गया है।


मित्रता : महाकाव्य रामायण में दर्शाया गया है, भगवान राम के जीवन में मित्रता एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। भगवान राम के समर्पित अनुयायी हनुमान, रामायण में मित्रता के सबसे प्रतिष्ठित उदाहरणों में से एक हैं। इस मित्रता के माध्यम से, राम सुग्रीव को उसके भाई बाली से उसका सिंहासन पुनः प्राप्त करने में मदद करते हैं।


प्रेरणा : उनका जीवन और शिक्षाएं अनगिनत लोगों को प्रेरित करती हैं, एक सदाचारी जीवन जीने का खाका प्रदान करती हैं। वह आदर्श शासक, पुत्र, भाई और पति का प्रतिनिधित्व करता है, जो व्यक्तियों की आकांक्षाओं के लिए एक प्रेरणा स्रोत के रूप में कार्य करता है।


न्याय और निष्पक्षता : एक शासक के रूप में, वह निष्पक्षता के साथ न्याय करता है, यह सुनिश्चित करते हुए कि उसका राज्य उन कानूनों और सिद्धांतों द्वारा शासित होता है जो सद्भाव और शांति को बढ़ावा देते हैं। 


ये गुण श्री राम को हिंदू धर्म और उससे परे एक श्रद्धेय और सम्मानित व्यक्ति के रूप में स्थापित करने में योगदान करते हैं, जो एक आदर्श व्यक्ति और नेता की विशेषताओं का प्रतीक हैं।

1/23/2024

कर्पूरी ठाकुर कौन है ? Karpoori Thakur


कर्पूरी ठाकुर बिहार राज्य के एक भारतीय राजनीतिज्ञ थे। उन्हें जन नायक के नाम से जाना जाता था। उन्होंने दिसंबर 1970 से जून 1971 तक (सोशलिस्ट पार्टी/भारतीय क्रांति दल) और दिसंबर 1977 से अप्रैल 1979 तक (जनता पार्टी) बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया।


कर्पूरी ठाकुर जी का जन्म 24 जनवरी, 1924 को बिहार के समस्तीपुर जिले के पितौंझिया (अब कर्पूरी ग्राम) गांव में गोकुल ठाकुर और रामदुलारी देवी के घर नाई जाति में हुआ था।[1] वे ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन में शामिल थे। उन्होंने वर्ष 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन में हिस्सा लिया, जिस वजह से उन्होंने अपना स्नातक कॉलेज छोड़ दिया। भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लेने के लिए, उन्होंने 26 महीने जेल में बिताए।


राजनीतिक यात्रा

कर्पूरी ठाकुर ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत कांग्रेस पार्टी से की. वे  वर्ष 1952 में पहली बार बिहार विधानसभा के सदस्य चुने गए। वर्ष 1967 में वे बिहार के शिक्षा मंत्री बने। 1970 में वे बिहार के मुख्यमंत्री बने. उनके मुख्यमंत्री रहते हुए बिहार में कई महत्वपूर्ण सुधार हुए। जिनमें से एक था गरीबों और पिछड़ों के लिए आरक्षण का प्रावधान करना। 1977 में वे फिर से बिहार के मुख्यमंत्री बने। और बिहार के पहले गैर-कांग्रेसी मुख्यमंत्री मंत्री बनें।


भारत रत्न :

23 जनवरी 2024 को कर्पूरी ठाकुर को उनके 100वीं जन्म जयंती से पहले मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किए जाने की घोषणा की गई।


मृत्यु:

17 फरवरी, 1988



10/03/2023

UPI LITE X क्या है ? इंटरनेट के बिना पैसे भेज सकते


RBI गवर्नर शक्तिकांत दास के द्वारा Global Fintech Fest 2023 के दौरान UPI के लेटेस्ट फीचर को पेश किया, जिसका नाम UPI Lite X है। UPI Lite X के द्वारा यूजर्स बिना इंटरनेट यानी ऑफलाइन मोड में मनी ट्रांसफर और रिसीव कर सकते हैं। यह रिमोट एरिया में काफी उपयोगी होगी।

UPI LITE X की मदद से यूजर्स पूरी तरह ऑफलाइन मोड पर भी रुपये सेंड और रिसीव भी कर सकेंगे. ऐसे में यह सभी लोगों के लिए उपयोगी होगा। UPI LITE X फीचर्स का इस्तेमाल करने के लिए फोन में नियर फील्ड कम्युनिकेशन (NFC) का सपोर्ट होना चाहिए।


भीम (BHIM) ऐप में UPI LITE X सेटअप की प्रक्रिया:

  • भीम ऐप खोलें और 'UPI Lite X Balance' मेनू पर जाएं। 'Enable' बटन पर टैप करें।
  • टिक बॉक्स को टॉगल करके और 'Enable Now' पर क्लिक करके ऑफ़लाइन लेनदेन सक्रिय करें।
  • ऐप आपको अपने यूपीआई लाइट वॉलेट में धनराशि डालने के लिए प्रेरित करेगा; वांछित राशि दर्ज करें.
  • 'UPI लाइट X सक्षम करें' बटन चुनें।
  • अपना यूपीआई पिन दर्ज करें।
  • अपने वॉलेट में सफलतापूर्वक धनराशि जोड़ने के बाद, आप ऑफ़लाइन लेनदेन के लिए UPI लाइट एक्स का उपयोग शुरू कर सकते हैं।


UPI Lite में लेनदेन की सीमा 200 रुपये है, जबकि किसी भी समय ऑन-डिवाइस वॉलेट के लिए अधिकतम यूपीआई लाइट बैलेंस 2,000 रुपये है।

नोबेल पुरस्कार 2023 - विजेताओं को सूची (Nobel Prize Winners)


नोबेल पुरस्कारों (Nobel Prize) की स्थापना अल्फ्रेड नोबेल (Alfred Nobel) के वसीयतनामे के अनुसार वर्ष 1895 में की गाई थी। प्रथम नोबेल पुरस्कार का वितरण वर्ष 1901 में किया गया था। वर्तमान में यह पुरस्कार 6 क्षेत्रों, शांति, साहित्य, भौतिकी, केमिस्ट्री, मेडिसिन और अर्थशास्त्र के क्षेत्र में योगदान के लिए दिया जाता है।

स्वीडन के सेंट्रल बैंक Sveriges Riksbank ने वर्ष 1968 में इकनॉमिक साइंसेज में प्राइज की स्थापना की गयी थी। बैंक ने अपनी 300वीं सालगिरह के मौके पर इस प्राइज का ऐलान किया था। प्रथम इकनॉमिक साइंसेज का नोबेल वर्ष 1969 में दिया गया। 

इस वर्ष के नोबेल पुरस्कार विजेताओं को 11 मिलियन स्वीडिश क्राउन ($986,000/ करीब 8 करोड़ रुपये) पुरस्कार के रूप में दिया जाएगा।


पुरस्कार एवं विजेताओं की सूची :


चिकित्सा :

अमेरिकी वैज्ञानिक कैटलिन कारिको (Caitlin Carico) और डू वीजमैन (Dou Weisman) को मैसेंजर राइबोन्यूक्लिक एसिड (mRNA) के न्यूक्लियोसाइड बेस संशोधनों के संबंध में किये गए खोजों के लिए यह सम्मान प्रदान किया गया। इस खोज की वजह से कोरोनावायरस यानी सीओवीआईडी-19 के खिलाफ प्रभावी mRNA टीकों के विकास में मदद मिली है।


भौतिक :

अमेरिकी वैज्ञानिक पियरे एगोस्टिनी (Pierre Agostini), जर्मनी के फेरेंक क्रूज़ (Ferenc Krausz) और स्‍वीडन की ऐनी एल'हुइलियर (L' Huillier) को प्रकाश के एटोसेकंड पल्‍स के अनूठे प्रयोगों के लिए प्रदान किया गया है। यह प्रयोग परमाणु और अणुओं में इलेक्ट्रॉनों की गति के संबंध में अत्‍याधुनिक उपकरण बनाने में मददगार होगा।


साहित्य :

नॉर्वेजियन लेखक जॉन फॉसे (Jon Fosse) को साहित्य का नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया है।


रसायन : 

U.S.A के मौंगी जी. बावेंडी (Moungi G. Bawendi), लुईस ई. ब्रूस (Louis E. Brus) और एलेक्सी आई. एकिमोव (Alexei I. Ekimov) को क्वांटम डॉट्स की खोज और संश्लेषण के लिए रसायन के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया। इन नैनोकणों का इलेक्ट्रॉनिक्स, उन्नत सर्जरी और क्वांटम कंप्यूटिंग जैसे क्षेत्रों में व्यापक अनुप्रयोग है।


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10/02/2023

बिहार जातिय जनगणना 2023


बिहार सरकार के विधानमंडल ने 18 फरवरी 2019 को राज्य में जाति आधारित जनगणना (सर्वे) कराने का प्रस्ताव पारित किया था। 2 जून 2022 को बिहार मंत्री परिषद ने जाति आधारित जनगणना कराने का फ़ैसला किया। इसे दो चरणों में किया गया। पहले चरण में 7 जनवरी 2023 से 31 जनवरी 2023 तक मकानों का नंबरीकरण किया गया और लिस्ट बनाई गई। इसके बाद दूसरे चरण में राज्य के सभी व्यक्तियों की जनगणना का काम 15 अप्रैल 2023 को शुरू किया गया।

5 अगस्त 2023 को सारे आंकड़े बनाकर मोबाइल ऐप के जरिए उसे जमा किया गया। इस जाति आधारित गणना के अनुसार कुल आबादी 13 करोड़ 7 लाख 25 हजार 310 है।


वर्ग के आधार पर राज्य में जनसंख्या  

  1. पिछड़ा वर्ग - 27.1286%
  2. अत्यंत पिछड़ा वर्ग - 36.0148%
  3. अनुसूचित जाति - 19.6518%
  4. अनुसूचित जनजाति - 1.6824%
  5. अनारक्षित - 15.5224%


जाति के आधार पर राज्य में जनसंख्या

  1. यादव- 14. 2666 %
  2. कुर्मी- 2.8785 %
  3. कुशवाहा- 4.2120 %
  4. ब्राह्मण- 3.6575 %
  5. भूमिहार- 2.8683 %
  6. राजपूत- 3.4505 %
  7. मुसहर- 3.0872 %
  8. मल्लाह- 2.6086 %
  9. बनिया- 2.3155 %
  10. कायस्थ- 0.60 %

धर्म के आधार पर जनसंख्या का आंकड़ा
  1. हिन्दू - 81.99%
  2. इस्लाम - 17.70%
  3. ईसाई  - 0.05%
  4. सिख - 0.011%
  5. बौद्ध - 0.0851%
  6. जैन - 0.0096%


9/30/2023

हमर राज राजनीतिक दल - Hamar Raaj Political Party


हमर राज (Hamar Raaj, English : Our Rule) राजनीतिक दल छत्तीसगढ़ की एक स्थानीय राजनीतिक दल है। जिसकी स्थापना वर्ष 2023 में श्री अरविंद नेताम के द्वारा की गई है।

अरविंद नेताम पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता थे। वे बस्तर में सर्व आदिवासी समाज के अध्यक्ष भी है। उन्होंने 9 अगस्त, 2023 को कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दिया। आदिवासी समाज ने पार्टी का नाम 'हमर राज' पार्टी रखने का फैसला लेकर निवार्चन आयोग में पंजीयन के लिए आवेदन प्रस्तुत किया, जिस पर 29 सितंबर, 2023 को आयोग की मुहर लगा दी।