हम आज एक ऐसे दौर में है, जिसमे दुनिया ऐसे जुड़ी हुई है जैसा पहले कभी भी नहीं था। और यह सब मुमकिन हो सका है, सिर्फ सोशल मीडिया की वजह से।
सोशल मीडिया का स्वरूप इतना व्यापक हो चुका है। की इसने दुनिया को एक क्लिक की दूरी पर ला कर खड़ा कर दिया है। पर जैसा कि हम जानते है। इतनी अच्छाइयों के बावजूद सोशल मीडिया के बुरे पहलू भी हैं। इस लिए सोशल मीडिया को दुरपयोग से बचने के लिए भारत सरकार ने कुछ कानून बनाये है।
हम सोशल मीडिया में जो भी कार्य करते है। वो कानून के तहत आती है। कंप्यूटर सिस्टम, नेटवर्क, कम्युनिकेशन और जानकारी का इस्तेमाल इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट 2000 के अंतर्गत आते है। इसलिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल सावधानी से करना चाहिए।
अगर आप सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने की वजह से किसी परेशानी में नहीं पड़ना चाहते तो आपको इन 5 कानूनों के बारे में जानकारी होना चाहिए।
1. मानहानि :
यदि आप सोशल मीडिया पर किसी व्यक्ति विशेष, संस्था व्यापार, उत्पाद, समूह, सरकार, धर्म या राष्ट्र के प्रतिष्ठा को हानि पहुंचते है तो ये मानहानि के दायरे में आता है। आपको भारतीय दंड संहिता 1860 के सेक्शन 499 के तहत 2 वर्ष की सजा और फाइन भी भरना पड़ सकता है।
यदि कोई व्यक्ति जान बूझकर धर्म के बारे में आपत्तिजनक बातें शेयर करता है या धार्मिक चिन्हों का अपमान कर धार्मिक भावनाओ को ठेस पहुंचाता है तो ऐसे मामले में आईपीसी की धारा 295ए के तहत मुकदमा दर्ज हो सकता है। इसमें अगर आप दोषी पाए गए तो आपको 3 साल की सजा होगी।
यदि आप सोशल मीडिया पर किसी व्यक्ति विशेष, संस्था व्यापार, उत्पाद, समूह, सरकार, धर्म या राष्ट्र के प्रतिष्ठा को हानि पहुंचते है तो ये मानहानि के दायरे में आता है। आपको भारतीय दंड संहिता 1860 के सेक्शन 499 के तहत 2 वर्ष की सजा और फाइन भी भरना पड़ सकता है।
यदि कोई व्यक्ति जान बूझकर धर्म के बारे में आपत्तिजनक बातें शेयर करता है या धार्मिक चिन्हों का अपमान कर धार्मिक भावनाओ को ठेस पहुंचाता है तो ऐसे मामले में आईपीसी की धारा 295ए के तहत मुकदमा दर्ज हो सकता है। इसमें अगर आप दोषी पाए गए तो आपको 3 साल की सजा होगी।
2. फेक न्यूज़
यदि आप किसी व्यकि विशेष, संस्था से संबंधित या किसी भी तरह का गलत समाचार या आपत्तिजनक समाचार फैला कर अशांति फैलाने का प्रयाश करते हैं तो आपको भारतीय दंड संहिता 1860 के सेक्शन 468 व 469 के तहत जेल व फाइन हो सकती है।
यदि आप किसी व्यकि विशेष, संस्था से संबंधित या किसी भी तरह का गलत समाचार या आपत्तिजनक समाचार फैला कर अशांति फैलाने का प्रयाश करते हैं तो आपको भारतीय दंड संहिता 1860 के सेक्शन 468 व 469 के तहत जेल व फाइन हो सकती है।
3. डिजिटल डॉक्यूमेंट से छेड़छाड़
यदि किसी व्यक्ति या कंपनी के डिजिटल डॉक्यूमेंट के साथ बिना उनके इजाजत के कोई छेड़छाड़ की जाती है तो आई.टी. एक्ट की धारा 65 के अंतर्गत छेड़छाड़ करने वाले को 3 वर्ष की सजा साथ ही 2 लाख रुपए का जुर्माना लगाया जा सकता है।
यदि किसी व्यक्ति या कंपनी के डिजिटल डॉक्यूमेंट के साथ बिना उनके इजाजत के कोई छेड़छाड़ की जाती है तो आई.टी. एक्ट की धारा 65 के अंतर्गत छेड़छाड़ करने वाले को 3 वर्ष की सजा साथ ही 2 लाख रुपए का जुर्माना लगाया जा सकता है।
4. पोर्नोग्राफी
यदि कोई यूजर इंटरनेट पर गैरकानूनी तरीके से पोर्नोग्राफी से जुड़े सामग्री को उओलोड करता है या फैलता है तो आई. टी. एक्ट की धारा 64 बी के तहत 3 साल की सजा व जुर्माना हो सकता है।
यदि कोई यूजर इंटरनेट पर गैरकानूनी तरीके से पोर्नोग्राफी से जुड़े सामग्री को उओलोड करता है या फैलता है तो आई. टी. एक्ट की धारा 64 बी के तहत 3 साल की सजा व जुर्माना हो सकता है।
5. ऑनलाइन आईडी की चोरी / हैकिंग
किसी अन्य व्यक्ति के नाम से एकाउंट बनाना और उसका फोटो इस्तेमाल करना कानूनी तौर पर गलत है। ऐसा करने पर आईटी एक्ट की धारा 66 सी के तहत 3 साल की सजा हो सकती है। यदि कोई दूसरे व्यक्ति के एकांउट से छेड़छाड़, हैकिंग या फिर इस्तेमाल करने पर भी आईटी एक्ट की धारा 67 के तहत सजा हो सकती है।
किसी अन्य व्यक्ति के नाम से एकाउंट बनाना और उसका फोटो इस्तेमाल करना कानूनी तौर पर गलत है। ऐसा करने पर आईटी एक्ट की धारा 66 सी के तहत 3 साल की सजा हो सकती है। यदि कोई दूसरे व्यक्ति के एकांउट से छेड़छाड़, हैकिंग या फिर इस्तेमाल करने पर भी आईटी एक्ट की धारा 67 के तहत सजा हो सकती है।