भारतीय राष्ट्रीय स्वतंत्रता आंदोलन में छत्तीसगढ़ का योगदान नजरंदाज नहीं किया जा सकता। छत्तीसगढ़ में आदिवासियों ने तो 1857 से पहले ही अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह कर दिया था। वर्ष 1857 के पहले स्वतंत्रता आंदोलन से लेकर 1947 के आजादी तक यहां भी अंग्रेजों के खिलाफ लगातार संघर्षों का दौर चलता रहा है।
छत्तीसगढ़ में वर्ष 1818 में अबुझमाड़ इलाके में गैंद सिंह के नेतृत्व में आदिवासियों ने अंग्रेजों के खिलाफ सबसे पहले विद्रोह कर दिया था। वर्ष 1857 से छत्तीसगढ़ में स्वतंत्रता आंदोलन की शुरूआत होती है। सोनखान के जमीदार शहीद वीरनारायण सिंह ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ विद्रोह का ऐलान किया था।
छत्तीसगढ़ में निम्न राष्ट्रीय आंदोलन हुए:
- छत्तीसगढ़ में असहयोग आंदोलन 1920
- छ्त्तीसगढ़ में राष्ट्रीय झण्डा सत्याग्रह - 1923
- छत्तीसगढ़ में स्वराज दल
- बी.एन.सी. मिल मजदूर आंदोलन राजनांदगांव
- रोलेक्ट/रॉलेट एक्ट 1919 - छत्तीसगढ़ में प्रभाव
- सूरत विभाजन 1907 का छत्तीसगढ़ में प्रभाव
- छत्तीसगढ़ में कांग्रेस का गठन -1906
- बंगाल विभाजन का छत्तीसगढ़ में प्रभाव
- प्रांतीय राजनीतिक सम्मेलन 1905
- छत्तीसगढ़ में होमरूल लीग आंदोलन