भारतीय राष्ट्रीय स्वतंत्रता आंदोलन में छत्तीसगढ़ का योगदान


भारतीय राष्ट्रीय स्वतंत्रता आंदोलन में छत्तीसगढ़ का योगदान नजरंदाज नहीं किया जा सकता। छत्तीसगढ़ में आदिवासियों ने तो 1857 से पहले ही अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह कर दिया था। वर्ष 1857  के पहले स्वतंत्रता आंदोलन से लेकर 1947 के आजादी तक यहां भी अंग्रेजों के खिलाफ लगातार संघर्षों का दौर चलता रहा है।

छत्तीसगढ़ में वर्ष 1818 में अबुझमाड़ इलाके में गैंद सिंह के नेतृत्व में आदिवासियों ने अंग्रेजों के खिलाफ सबसे पहले विद्रोह कर दिया था। वर्ष 1857 से छत्तीसगढ़ में स्वतंत्रता आंदोलन की शुरूआत होती है। सोनखान के जमीदार शहीद वीरनारायण सिंह ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ विद्रोह का ऐलान किया था। 


छत्तीसगढ़ में निम्न राष्ट्रीय आंदोलन हुए: