11/22/2019

तड़पा/तरपा/तर्पा नृत्य

तड़पा/तरपा नृत्य महाराष्ट्र के ठाणे, पालघर, नाशिक, धुले आदि जिले में निवास करने वाली एक प्रमुख जनजाति है। यह जनजाति पर्वतीय और तटीय दोनों ही क्षेत्रों मे निवास करती है। वारली जनजाति महाराष्ट्र के अतिरिक्त गुजरात के वलसाड, डांग, नवसारी और सूरत जिलों तथा दादर और नगर हवेली एवं दमन और दीव में भी कुछ संख्या में निवास करती है।

वारली चित्रकला के नाम से प्रसिद्ध इस जनजाति के पारंपरिक भित्तिचित्र काफी लोकप्रिय है। वारली जनजाति का पारंपरिक तड़पा नृत्य इस नृत्य में प्रयुक्त होने वाले तड़पा नामक वाद्य के ऊपर आधारित है। तड़पा बांस और ताड़ के पत्तों से बना हुआ एक सुषिर वाद्य है जिसका वादन करने वाले कलाकार को तड़पाकार कहा जाता है।

इस नृत्य में स्त्री और पुरुष दोनों ही शामिल होते हैं जो तड़पाकार के चारो ओर एक घेरा बनाकर नृत्य करते हैं। तड़पा की धुन पर नर्तक अपनी भाषा में गाना गा कर इस नृत्य को अत्यंत खूबसूरत बना देते है।