7/28/2020

बाघ जनगणना - Tiger census


28 जुलाई, 2020 को पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने 2018 की 'बाघ जनगणना' की एक विस्तृत रिपोर्ट जारी की। ये जनगणना हर चार साल में होती है। पूरी दुनिया में करीब 4,200 बाघ बचे हैं। सिर्फ 13 देश हैं जहां बाघ पाए जाते हैं। इनमें से भी 70% बाघ भारत में हैं।

टाइगर रिजर्व :
वर्ष 1973 में हमारे देश में सिर्फ 9 टाइगर रिजर्व थे। अब इनकी संख्या बढ़कर 50 हो गई है।

पीटर्सबर्ग, ग्लोबल टाइगर समिट
वर्ष 2010 में रूस के पीटर्सबर्ग में ग्लोबल टाइगर समिट हुई थी, जिसमें 2022 तक बाघ के पॉपुलेशन को दोगुना करने का लक्ष्य रखा गया था। इस समिट में सभी 13 टाइगर रेंज नेशन ने हिस्सा लिया था। इसमें भारत, बांग्लादेश, भूटान, कंबोडिया, चीन, इंडोनेशिया, लाओ पीडीआर, मलेशिया, म्यांमार, नेपाल, रूस, थाईलैंड और वियतनाम शामिल थे।

भारत की वर्तमान स्थिति:
वर्ष 2018 तक बाघों की आबादी 74% बढ़ी। वर्ष 2010 में भारत में बाघों की संख्या 1706 थी, जो 2018 में बढ़ कर 2967 हो गयी। उम्मीद है कि 2022 का लक्ष्य भारत हासिल कर लेगा।
बाघों की जनसंख्या
2010 2014 2018
मध्यप्रदेश 257 308 526
कर्नाटक 300 406 526
उत्तराखण्ड 227 340 442
महाराष्ट्र 168 190 312
तमिलनाडु 163 229 264

देश के 20 राज्यों में कुल 2,967 बाघ हैं। इनमें से 1,492 बाघ मध्य प्रदेश, कर्नाटक और उत्तराखंड में हैं। इन तीन राज्यों में देश के बाघों की कुल आबादी के 50% से ज्यादा बाघ रहते हैं।

सबसे ज्यादा ग्रोथ:
बिहार में टाइगर पॉपुलेशन 2010 में 8 थी जो 2018 में बढ़कर 31 ( 262% ) हो गई। केरल में 2010 में 71 बाघ थे, जो 2018 में 190 ( 167% ) हो गए। मध्य प्रदेश में यह आंकड़ा 2010 में 257 था जो 2018 में 526 ( 104% ) हो गया। उत्तराखंड में यह 227 से बढ़कर 442 (95%) पर आ गया। वहीं राजस्थान में 2010 में 36 बाघ थे जो 2018 में बढ़कर 69 ( 91% ) हो गए हैं।

बाघों की संख्या में गिरावट :
बाघों की संख्या में गिरावट राज्यों में मिजोरम और छत्तीसगढ़ सबसे प्रमुख हैं। मिजोरम में 2010 में 5 बाघ थे। 2018 में यहां एक भी बाघ नहीं बचा। वहीं छत्तीसगढ़ में बाघों की संख्या 2014 में 26 से बढ़कर 46 हुई थी। लेकिन 2018 में यहां सिर्फ 19 बाघ बचें हैं।