उपासना स्‍थल (विशेष उपबंध) अधिनियम, 1991 - Places of Worship (Special Provisions) Act क्या है ?

उपासना स्‍थल (विशेष उपबंध) अधिनियम, 1991 (Places of Worship (Special Provisions) Act 1991) भारतीय संसद का एक अधिनियम है, जिसे तत्कालीन पी. वी. नरसिम्हा राव सरकार के द्वारा 18 सितंबर, 1991 को पारित किया गया था। 


क्या कहता है यह अधिनियम ?

इस अधिनियम के ( धारा 4(1) ) अनुसार 15 अगस्त, 1947 को जो धार्मिक स्थल जिस संप्रदाय या धर्म विशेष का था वो आज, और भविष्य में, भी उसी का ही रहेगा। परंतु, इस इस अधिनियम अयोध्या विवाद को अलग रखा गया था।


अधिनियम लाने का कारण क्या था ?

25 सितंबर से अक्टूबर 1990 के बीच भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उसके हिंदू राष्ट्रवादी सहयोगियों द्वारा गुजरात के सोमनाथ से लालकृष्ण आडवाणी के नेतृत्व में राम रथ यात्रा निकली गयी, यह भारत के सबसे बड़े जन आंदोलनों में से एक था। तत्कालीन सरकार को आशंका थी कि कुछ हो सकता है। जिस वजह से सरकार यह अधिनियम ले कर आई।


प्रमुख धाराएं :

धारा - 3 - उपासना स्थलों के संपरिवर्तन वर्जित है।

धारा- 4 (2) - उन मुकदमों और कानूनी कार्यवाहियों को रोकने की बात करता है जो प्लेस ऑफ वर्शिप एक्ट के लागू होने की तारीख पर पेंडिंग थे।

परंतु धारा 4 की उपधारा (1) और उपधारा (2) की कोई बात निम्नलिखित को लागू नहीं होगी, 

(क) यदि कोई उपासना स्थल, जो प्राचीन संस्मारक तथा पुरातत्वीय स्थल और अवशेष अधिनियम, 1958 (1958 का 24) या तत्समय प्रवृत्त किसी अन्य विधि के अन्तर्गत आने वाला कोई प्राचीन और ऐतिहासिक संस्मारक या कोई पुरातत्वीय स्थल या अवशेष है तो।

(ख) उपधारा (2) में निर्दिष्ट किसी मामले की बाबत कोई वाद, अपील या अन्य कार्यवाही, जिसका इस अधिनियम के प्रारंभ के पूर्व किसी न्यायालय, अधिकरण या अन्य प्राधिकारी द्वारा अंतिम रूप से विनिश्चय, परिनिर्धारण या निपटारा कर दिया गया है।

(ग) ऐसे किसी मामले के बारे में कोई विवाद जो ऐसे प्रारंभ के पूर्व पक्षकारों द्वारा आपस में तय हो गया है।

(घ) ऐसे किसी स्थल का कोई संपरिवर्तन जो ऐसे प्रारंभ के पूर्व उपमति द्वारा किया गया है।

(ङ) ऐसे प्रारंभ के पूर्व ऐसे किसी स्थल का किया गया कोई संपरिवर्तन, जो तत्समय प्रवृत्त किसी विधि के अधीन परिसीमा द्वारा वर्जित होने के कारण किसी न्यायालय, अधिकरण या अन्य प्राधिकारी के समक्ष आक्षेपणीय नहीं है । 


धारा- 5 - यह एक्ट रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले और इससे संबंधित किसी भी मुकदमे, अपील या कार्यवाही पर लागू नहीं करेगा।

धारा - 6 - धारा 3 के उल्लंघन के लिए दंड का प्रावधान है।