झारखंड के आदिवासी (जनजाति) के द्वारा मनाये जाने वाले प्रमुख पर्व ( त्यौहार ) Major festivals celebrated by Adivasi (Tribes) of Jharkhand
झारखंड एक आदिवासी बहुल राज्य है जहां की संस्कृति में जनजाति त्यौहारो का अपना एक अलग स्थान है। झारखंड में निवास करने वाले विभिन्न जनजाति के लोग अपने देवी-देवता व संस्कृति के लिए विभिन्न प्रकार के पर्व मानते है। ऐसे ही कुछ विशेष पर्व निम्न है जिंन्हे सिर्फ झारखंड ही नही, बल्कि छत्तीसगढ़, उड़ीसा, मध्यप्रदेश एवं पश्चिम बंगाल के भी आदिवासी मानते है।
संथाल जनजाति के त्यौहार -
- बा-परब : चैत (चैत्र) महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाया जाता है। इसे संथालों का बसंतोत्सव भी कहते है।
- एरोक पर्व : यह कृषि से संबंधित है। आषाढ़ महीने में बीज बोये जाने के समय मनाया जाता है।
- हरियाड़ : यह भी कृषि संबंधीत है। सावन महीने में धान में हरियाली आने पर अच्छी फसल के लिए।
- सोहराय : कार्तिक अमावस्या को पशुओं (गाय एवं बैल) के सम्मान में मनाया जाता है।
- साकरात : पूस महीने में अपने घर-परिवार की कुशलता के लिए मनाया जाता है।
- भागसिम : माघ महीने में गाँव के ओहदेदार को आगामी वर्ष के लिए ओहदे की स्वीकृति के लिये
- बाहा : फागुन महीने में शुद्ध जल से खेली जाने वाली होली है यह।
उरांव जनजाति के प्रमुख त्यौहार -
- खद्दी पर्व : चैत महीने की शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाया जाता है। इसे उराँवों का बसंतोत्सव कहते है।
- जतरा : जेठ, अगहन व कार्तिक महीने में भगवान धर्मेश के सम्मान में मनाया जाता है।
- करमा : भादो महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाया जाता है। यह करमा गोसाईं को समर्पित है।
- सोहराय : कार्तिक अमावस्या को पशुओं (गाय एवं बैल) के सम्मान में मनाया जाता है।
- माघे पर्व : माघ महीने में
- फागु पर्व : फागुन महीने में मनाया जाता है। यह होली के समतुल्य पर्व है।
- सरहुल : साल वृक्ष में फूल आने पर चैत्र माह में मनाया जाता है।
मुंडा जनजाति के प्रमुख त्यौहार -
- सरहुल : साल वृक्ष में फूल आने पर चैत्र माह में मनाया जाता है।
- करमा : भादो महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाया जाता है। करमा गोसाईं को समर्पित है।
- सोहराय : कार्तिक अमावस्या को मनाया जाता है। पशुओं के सम्मान में मनाया जाने वाला पर्व है।
- बुरु पर्व : अगहन महीने में मनाया जाता है। यह पर्वत देवता को समर्पित है।
- माघे पर्व : माघ महीने में मनाया जाता है।
- फागु पर्व : फागुन महीने में मनाया जाता है। यह होली के समतुल्य पर्व है।
हो जनजाति के प्रमुख त्यौहार -
- उमुरी, होरो, जोमनना, कोलोम, माघी एवं बाहा।
- माघी में माघी राग गीत गाया जाता है। यह पूजा 5 दिनों तक चलती ही।
खरवार जनजाति के प्रमुख त्यौहार -
- करमा, नवाखानी, महावीरी झण्डा, दशहरा, दीवाली, छठ एवं होली।
खड़िया जनजाति के प्रमुख त्यौहार -
- जंकोर : खड़ियाओं का बसंतोत्सव कहा जाता है।
- बन्दई : कार्तिक पूर्णिमा को मनाया जाता है।
- करमा, बिइना (बाऊ बिड्बिड्), कदलेटा, जोओडेम (नवाखानी), रथ-यात्रा, दिमतङ पूजा (गोशाला पूजा), गिडिड पूजा/ बोडोलेरड पूजा, पोनोमोसोर पूजा, पितरु पूजा, भडन्दा पूजा / बड़ पहाड़ी पूजा एवं डुबोओ पूजा।
भूमिज जनजाति के प्रमुख त्यौहार -
- चैत पूजा, धुला पूजा, ग्राम ठाकुर पूजा, काली पूजा, गोराई ठाकुर पूजा एवं करम पूजा।
मछली जनजाति के प्रमुख त्यौहार -
- सूरजी देवी पूजा, मनसा पूजा, छठ पूजा, दुर्गा पूजा, दीवाली, संक्रांति (टुसू) एवं होली।
माल पहाड़िया बीचो के त्यौहार -
- गांगी आड़या : भादो महीने में, नई फसल कटने पर।
- ओसरो आड़या/घंघरा पूजा : कार्तिक महीने में, घंघरा फसल कटने पर।
- पुनु आड़या : पूस महीने में, बाजरा फसल कटने पर।
- माघी पूजा एवं आड़या।
गोंड जनजाति के प्रमुख त्यौहार -
- फरसा पेन, मतिया, बूढ़देव पूजा आदि।
लोहार जनजाति के प्रमुख त्यौहार -
- विश्वकर्मा पूजा, सोहराय, दीपावली, छठ, फगुआ आदि ।
किसान जनजाति के प्रमुख त्यौहार -
- सरहुल, करमा, नवाखानी, सोहराय काली पूजा, माघे एवं फगुआ।
बंजारा जनजाति के प्रमुख त्यौहार -
- बंजारा देवी की पूजा आदि ।
बिंझिया जनजाति के प्रमुख त्यौहार -
- सरहुल, करमा, सोहराय विंध्यवासिनी देवी, जगन्नाथ पूजा (रथ-यात्रा), चरदी देवी, ग्राम श्री, दशहरा, दीवाली, होली आदि ।
बेदिया जनजाति के प्रमुख त्यौहार -
- सरहुल, करमा, सोहराय दशहरा, दीवाली, छठ एवं मकर स्नान।
कंवर जनजाति के प्रमुख त्योहार -
- खूँट पूजा : आषाढ़ में मनाया जाता है।
कोल जनजाति के प्रमुख त्यौहार -
- सिंगबोंगा पूजा, बजरंग बली पूजा, दुर्गा पूजा, काली पूजा आदि ।
चेरो जनजाति के प्रमुख त्यौहार -
- दुर्गा पूजा, काली पूजा, छठ, सोहराय, होली, कादोलेटा आदि ।
चीक बड़ाईक जनजाति के प्रमुख त्यौहार -
- बड़ पहाड़ी, सूर्याही पूजा, देवी माय, सरहुल, सोहराय जितिया, करमा आदि।
सौरिया जनजाति के प्रमुख त्यौहार -
- बीचे आड़या, पुनु आड़या, कर्रा पूजा एवं सलियानी पूजा।
- गांगि आड़या : भादो माह में मनाया जाता है।
- ओसरा आड़या : कार्तिक में मनाया जाता है, इसमें पूर्वजो को याद किया जाता है।
करमाली जनजाति के प्रमुख त्यौहार -
- सरहुल, करमा, सोहराय, नवाखानी, दुर्गा पूजा, दीवाली, छठ, होली आदि ।
- टुसु : इसे "मीठा परब" या "बड़का परब" कहते है।
कोरा जनजाति के प्रमुख त्यौहार -
- सवा लाख की पूजा : एक लाख पच्चीस हजार देवी-देवताओं की पूजा की जाती है।
- बागेश्वर, भगवती दाय, काली माय, नवाखानी, सोहराय आदि पर्व मनाये जाते है।
नोट : देशाउली और जनी शिकार को 12 वर्ष में एक बार मनाया जाने वाला त्योहार है।