रतनपुर का बीस दुवरिया / बीस दुवारिया मंदिर - Rayapur Bees Duariya


छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के रतनपुर शहर के बैरागवन व मोतीपुर में बीसदुवरिया / बीस दुवारिया / बीसदुअरिया मंदिर स्थित है। 

हाथी किले की अंतिम द्वार मोतीपुर की बीस दुआरिया तालाब के किनारे बीस दुअरिया मंदिर स्थित है। महामाया मंदिर के पीछे बैरागवन में तालाब के किनारे कलचुरी राजा राजसिंह का समारक है, जिसे बीस दुअरिया मंदिर कहते हैं। यह मंदिर मूर्ति विहीन है तथा बीस द्वारों से युक्त है। बैरगवन के पास ही खिचरी केदारनाथ का प्राचीन मंदिर भी स्थित है।


मंदिर का नामकरण : 

इस मंदिर के नामकरण के पीछे दो कारण बताए जाते है। पहला, इस मंदिर में बीस द्वारों से प्रवेश किया जा सकता है। बीस द्वार होने की वजह से इसका नाम बीस दुवरिया / बीस दुवारिया पड़ा। दूसरा कारण यह है कि राजा - लक्ष्मण साय की बीस रानियाँ राजा की मृत्यु के पश्चात् तालाब में डुबकर सती हो गई जिससे बीस डुबरिया नाम पड़ा। और रानियों के सतीत्व की वजह से इसे सती मंदिर भी कहा जाता है।