2/18/2023

मध्यप्रदेश के प्रमुख मंदिर, धार्मिक स्थलों की सूची

यदि आप मध्य प्रदेश की समृद्ध संस्कृति के बारे में जानना चाहते हैं तो मध्यप्रदेश के प्रमुख मंदिर एवं धार्मिक स्थालों के बारे में जरूर जानें :

(List of major temples, religious places of Madhya Pradesh)

मंदिरों की सूची :

  • चौंसठ योगिनी मंदिर - खजुराहो, इस मंदिर का निर्माण लगभग 885 ईस्वी पूर्व का माना जा सकता है। यह चंदेला की राजधानी खजुराहो में सबसे पुराना मौजूदा मंदिर है।
  • कंदरिया महादेव मंदिर - खजुराहो, इस मंदिर का निर्माण विद्याधर के शासनकाल में वर्ष 1025-1050 के दौरान कराया गया था। कंदरिया महादेव मंदिर खजुराहो के सभी मंदिरों में सबसे बड़ा है।
  • चित्रगुप्त मंदिर - खजुराहो, यह भगवान सूर्य को समर्पित पूर्व की ओर मुख वाला मंदिर है। इस मंदिर के अंदर सात घोड़ों के रथ पर सवार भगवान सूर्य की प्रतिमा है। इसका निर्माण 11 शताब्दी किया गया था।
  • मंगतेश्वर मंदिर - खजुराहो, इसके सादे बनावट की वजह से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने मातंगेश्वर मंदिर को 900-925 ई.पू. का मानता है, क्योंकि इसका डिजाइन खजुराहो के बाद के मंदिरों के विपरीत इस मंदिर में कलाकृतियां कम है।
  • वाराह मंदिर - खजुराहो, भगवान विष्णु के तीसरे अवतार "वराह" को समर्पित इस मंदिर का निर्माण 900 से 925 ईस्वी के मध्य किया गया था।
  • पार्वती मंदिर - खजुराहो, देवी पार्वती को समर्पित यह मंदिर खजुराहो के पश्चिमी मंदिर समूह में स्थित है। यह मंदिर विश्वनाथ मंदिर का हिस्सा है। 
  • देवी जगदम्बा मंदिर - खजुराहो, इसका निर्माण वर्ष 1025 में चंदेल शासकों के द्वारा किया गया था। वर्ष 1880 में छतरपुर के राजा ने मनियागढ़ से पार्वती माता की मूर्ति यहां लाकर स्थापित की थी, जिस वजह से इसे पार्वती मंदिर भी कहा जाता है।
  • घंटाई मंदिर - खजुराहो, यह एक जैन मंदिर है। घंटाई मंदिर का निर्माण चंदेल राजा धनगा के शासनकाल के दौरान लगभग वर्ष 995 में किया गया था।
  • लक्ष्मण मंदिर - खजुराहो, इस मंदिर का निर्माण 10वी शताब्दी में यशोवर्मन के द्वारा कराया गया था। खजुराहो में अन्य मंदिरों के विपरीत, इसका गर्भगृह योजना (शीर्ष-दृश्य) पर पंचरथ है।
  • पार्श्र्व नाथ मंदिर - खजुराहो, यह 10वीं शताब्दी का जैन मंदिर है जो भगवान पार्श्वनाथ को समर्पित है। लेकिन, माना जाता है कि चंदेल काल के दौरान इसे एक आदिनाथ मंदिर के रूप में बनाया गया था। एक जैन मंदिर होने के बावजूद, इसकी बाहरी दीवारों में वैष्णव सम्प्रदाय से संबंधित कलाकारी है।
  • महादेव मंदिर - ओंकारेश्वर, यह भगवान शिव के 12 प्रतिष्ठित ज्योतिर्लिंग मंदिरों में से एक है। यह मध्यप्रदेश के खंडवा जिले में खंडवा शहर के पास मांधाता में स्थित है। 
  • गोपाल मंदिर - उज्जैन, इस मंदिर का निर्माण 19 वीं शताब्दी में महाराजा दौलत राव शिंदे की रानी बैजीबाई शिंदे के द्वारा करवाया गया था। यह मंदिर मध्यप्रदेश में उज्जैन के बड़ा बाजार चौक में स्थित है।
  • महाकाल मंदिर - उज्जैन, यह भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। इस मंदिर ने इस्लामिक हमले भी झेले है। शम्स-उद-दीन इल्तुतमिश ने वर्ष 1234-35 में उज्जैन पर आक्रमण के दौरान मंदिर परिसर और ज्योतिर्लिंग को नष्ट कर दिया गया था। मंदिर की वर्तमान संरचना का निर्माण मराठा सेनापति रानोजी शिंदे द्वारा वर्ष 1734 में किया गया था।
  • मुक्तागिरी मंदिर – मुक्तागिरी, बैतूल जिले के भैसदेही विकासखण्ड के पंचायम थपोडा गांव में स्थित एक जैन तीर्थस्थल है। यहां दिगम्बर जैन संप्रदाय से संबंधित 52 मंदिर है। इनमें से क्रमांक 10 मंदिर अति प्राचीन है जिसे मेंढागिरि कहा जाता है, इसमें भगवान शांतिनाथ की प्रतिमा विराजमान है।
  • नीलकंठ महादेव मंदिर – मांडू, इस मंदिर का निर्माण अकबर की पत्नी हरका बाई के लिए करवाया था। मंदिर की दीवारों पर शिलालेख हैं जो अकबर के दक्खन विजय से संबंधित है। नीलकंठ महल को इमारत-ए-दिलखुशा भी कहा जाता है।