"आनी" शब्द संस्कृत के "आर्ष" शब्द से लिए गए "अनीशी" से आया है जिसका मतलब "वंशज" होता है या "उनके बाद आने वाला" तो सिन्धी समाज में अपने पूर्वजो का नाम अपने साथ जोड़े रखने के लिए आनी प्रत्यय का इस्तेमाल अपने सरनेम (उपनाम) मे करते है। सिंधी समाज में उनका उपनाम जाती को नहीं बल्कि उनके पूर्वज या स्थान का नाम बताता है।
"आनी" के जैसे ही कुछ हिन्दू सिन्धी परिवार अपने गोत्र (जिसे सिन्धी में नुख भी कहते हैं।)को सारनेम उपनाम बनाते हैं, जैसे:- आहूजा,कुकरेजा। यहां "जा" का अर्थ हिंदी भाषा में "के" है। जो बताता है कि जिस गाँव/गोत्र के है। सिंधियों में भी एक नुख में विवाह की परंपरा नहीं थी।