अक्ति तिहार क्यों मनाया जाता है ? Akti Tihar


छत्तीसगढ़ राज्य में बैशाख मास शुक्ल पक्ष तृतीया को अक्षय तृतीया के दिन अक्ति तिहार मनाया जाता है। यह छत्तीसगढ़ की परम्परागत लोक त्यौहारो में से एक है। अक्ति तिहार को छत्तीसगढ़ का कृषि नववर्ष माना जाता है, इस दिन से ही कृषि के नये कार्य आरंभ होते है। नववर्ष होने के वजह से अक्ति के दी शुभ कार्य किये जाते है। इस दिन छत्तीसगढ़ में लोक संस्कार विवाह भी होते है। बच्चे इस दिन पुतरी पुतरा के विवाह भी करते, उन्ही बच्चों की टोलियों में एक दल वर पक्ष होता और एक कन्या पक्ष।


अन्य लोक मान्यताओं के अनुसार ग्राम देवी, ठाकुर देव जिन्हें ग्राम रक्षक भी कहा गया है, देवी शीतला की उपासना वे कोतवालों के मुनादी के बाद ही वे मंदरो में जाकर तेल हल्दी और महुआ या पलाश के पत्तो से बने दौना में धान भी चढ़ाते, ये पूजा अनुष्ठान बैगा के द्वारा किया जाता है, बैगा द्वारा दी गई धान के कुछ अंश को लोग अपने अनाज भंडार घर में भी रखते क्यो की इसे शुभ माना जाता है।