6/28/2023

अशराफ और पसमांदा-बोहरा मुस्लिम। Asharaf, Pasmanda


मुस्लिम धर्म में नस्लीय आधार पर भी जातिव्यवस्था की गई है। भारत के मुसलमानों में विदेशी और देशी का विभेद है। इस्लामी फिक्ह (विधि) और इस्लामी इतिहास की किताबों में भी अशराफ, अजलाफ और अरज़ाल का वर्गीकरण मिलता है.


अशराफ मुसलमान - ये समुदाय अपना संबंध वर्तमान भारत के बाहर से मानते है, जिस वजह से इन्हें उच्च कुल का माना जाता है। अशराफ को अशरफ भी कहा जाता है जी शरीफ़ का बहुवचन है। अधिकांश अन्य सोमाली कुलों के विपरीत, जो अपने वंश को पैगंबर के चचेरे भाई और अली के बड़े भाई अकील इब्न अबी तालिब से जोड़ते हैं, अशरफ अली और मुहम्मद की बेटी फातिमा के बेटों हसन और हुसैन से वंश का दावा करते हैं। 

इनमें चार प्रमुख जातियाँ होती हैं। सैयद, शेख, पठान और मुगल। सैयद, जिनका संबंध पैग़म्बर मुहम्मद के परिवार से माना जाता है, एक तरह से ये उनके वंशज हैं। दूसरे हैं शैख़ज़ादे, जिनका संबंध अरब ही के क़ुरैश "कबीले" से है। 


बोहरा मुसलमान - बोहरा शब्द, गुजराती शब्द वोहरू व्यवहार से आया है, जिसका मतलब है "व्यापार"। बोहरा समुदाय के मुस्लिम आमतौर पर व्यवसाय से जुड़े हुए हैं। इस समुदाय की महिलाएं एक दोहरी पोशाक पहनती हैं, जिसे "रिदा" कहते है, जो हिजाब के अन्य प्रकारों से अलग है।

अज़लाफ़ मुसलमान - अज़लाफ़ शब्द जिल्फ (असभ्य) का बहुवचन है, इसमें वे शिल्पकार है जिन्होंने इस्लाम कुबूल किया। जैसे कि दर्जी, धोबी, धुनिया, गद्दी, फाकिर, बढई-लुहार, हज्जाम (नाई), जुलाहा, कबाड़िया, कुम्हार, कंजरा, मिरासी, मनिहार, तेली आदि।

अरज़ाल मुसलमान - अरज़ाल शब्द रजील (नीच) का बहुवचन है, इसमें वे दलित हैं जिन्होंने इस्लाम कबूल किया। जैसे कि हलालखोर, भंगी, हसनती, लाल बेगी, मेहतर, नट, गधेरी आदि।

अजलाफ और अरज़ाल को ही सामूहिक रूप से पसमांदा कहा जाता है, जिसका अर्थ होता है, जो पीछे रह गए हैं। भारत में मुस्लिम धर्म में पसमांदा मुसलमानों की कुल आबादी के 85 फीसदी है। पसमांदा मूल तौर पर फारसी का शब्द है, जिसका मतलब होता है, वो लोग जो सामाजिक, आर्थिक रूप से पिछड़े हैं।


Source :

Forward Press

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