महिलाओं के लिए संसद में 33% आरक्षण व्यवस्था लागू करने के लिए 19 सितंबर, 2023 को लोकसभा में 128 वां संविधान संशोधन बिल रखा गया। 20 सितंबर को लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पारित किया गया और 21 सितंबर को राज्यसभा से पारित हुआ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा इस बिल को नारी शक्ति वंदन अधिनियम नाम दिया गया। वर्तमान लोकसभा में कुल सदस्य संख्या 543 है। इस वक्त महिला सांसदों की संख्या 82 है। विधेयक पास होने के बाद लोकसभा में महिला सांसदों की संख्या बढ़कर 181 हो जाएगी।
अनुच्छेद- 239क क के अंतर्गत राजधानी दिल्ली की विधानसभा में भी महिलाओं को 33% आरक्षण दिया जाएगा।
330क. (1) लोक सभा में एवं 332क. (1) के तहत प्रत्येक राज्य की विधान सभा में महिलाओं के लिए स्थान आरक्षित किए जाएंगे ।
बिल से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तरी :
क्या आरक्षण व्यवस्था हमेशा के लिए रहेगी?
इस बिल में महिला आरक्षण को 15 वर्षो (आमतौर पर तीन चुनाव) के लिए लागू किया गया। इसके बाद संसद चाहे तो महिला आरक्षण को आगे बढ़ा सकती है।
क्या OBC वर्ग की महिलाओं के लिए भी आरक्षण है या नहीं?
इस बिल में इस तरह का कोई प्रावधान नहीं है। हालाकि, वर्ष 1996 से जब जब महिला आरक्षण बिल आए तब तब यह मुद्दा उठा है।
क्या SC/ST वर्ग की महिलाओं के लिए भी आरक्षण है या नहीं?
इस बिल में अनुच्छेद 330 के खंड (2) के अधीन आरक्षित स्थानों में से एक-तिहाई स्थान अनुसूचित जातियों या अनुसूचित जनजातियों की महिलाओं के लिए आरक्षण का प्रावधान है।
नारी शक्ति वंदन अधिनियम कब से लागू होगा ?
विधानसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण परिसीमन अभ्यास के बाद लागू होगा, जो 2026 के बाद होने वाली पहली जनगणना के बाद आयोजित किया जा सकता है।