11/16/2017

भारत मे बैंक का इतिहास Bharat Me Bank Ka Itihas

भारत मे बैंकिंग का इतिहास 1770 से सुरु हुआ जब यूरोपीय पैटर्न मे प्रथम बैंक "बैंक आफ हिंदुस्तान"स्थापित किया गया। यह बैंक 1830 में बंद हो गया। इसके बाद 1786 मे "जनरल बैंक आफ इंडिया" की स्थापना की गई जो असफल रहा और 1791 मे बंद हो गया।

वर्ष 1806 मे वेलेजली ने टीपू सुल्तान से लड़ाई को फंड करने के लिए "मद्रास मे बैंक" की स्थापना की। वर्ष 1809 मे इस बैंक का नाम "बैंक आफ बंगाल" रखा गया। इस बैंक ने ही भारत का पहला नोट जारी किया। बैंक आफ बंगाल, 1840 मे स्थपित "बैंक आफ बॉम्बे" और 1843 मे स्थपित "बैंक आफ मद्रास" को मिला कर 1862 से प्रेसिडेंसी बैंक कहा गया। ये प्रेसिडेंसी बैंक quasi-central bank की तरह काम करते थे। 1934 के अधिनियम के तहत "हिल्टन यंग आयोग" की सिफारिश पर 1 अप्रैल 1935 मे "रिज़र्व बैंक आफ इंडिया" का गठन किया गया। यह बैंक केंद्रीय बैंक के रूप में स्थापित किया गया। भारत विभाजन के बाद भी रिजर्व बैंक ही पाकिस्तान का भी केंद्रीय बैंक था। इसने यह काम जून, 1948 तक किया, जब तक स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान ने काम करना शुरू नहीं कर दिया। 

1929 मे कृषको को लंबी अवधी के लिए ऋण उपलब्ध कराने हेतु भूमि विकास बैंक की स्थापना की गई थी। वर्तमान में इस बैंक का विलय, 1975 मे स्थापित "ग्रामीण बैंक" में कर दिया गया है।

पंजाब नैशनल बैंक
पंजाब नैशनल बैंक (पीएनबी) को 19 मई, 1894 को भारतीय कंपनी अधिनियम के तहत अनारकली बाज़ार लाहौर में इसके कार्यालय के साथ पंजीकृत किया गया था।

प्रेसिडेंसी बैंक 
वर्ष 1806 मे स्थापित बैंक आफ बंगाल, 1840 मे स्थपित बैंक आफ बॉम्बे और 1843 मे स्थपित बैंक आफ मद्रास को मिला कर 1862 से प्रेसिडेंसी बैंक कहा गया। 1927 मे तीनो प्रेसिडेंसी बैंको को मिला कर इम्पीरियल बैंक ऑफ इंडिया की स्थापना की गई। भारत की आजादी के बाद 1 जुलाई 1955 में गोरवाला समिति की सिफारिश पर इम्पीरियल बैंक का नाम बदल कर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) रखा गया और इसका राष्ट्रीयकरण किया गया था। वर्तमान में यह भारत मे सर्वाधिक शाखाओ वाला बैंक है।

केंद्रीय बैंक
1934 अधिनियम के तहत, 1 अप्रैल 1935 को हिल्टन यंग आयोग की सिफारिश पर रिजर्व बैंक आफ इंडिया (RBI) की स्थापना की गई। स्थापना के समय इसकी कुल जमा पूंजी 5 करोड़ रुपये थी। 1 जनवरी 1949 मे इस बैंक का राष्ट्रीयकरण कर दिया गया।


बैंको का राष्ट्रीयकरण
1 जनवरी 1949 मे रिजर्व बैंक आफ इंडिया (RBI) बैंक का राष्ट्रीयकरण कर दिया गया। इसके बाद 1960 मे आठ अन्य बैंको का राष्ट्रीयकरण कर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) के सहायक बैंक का दर्जा दिया गया। 19 जुलाई, 1969 में 14 बड़े बैंकों का जिनकी जमा पूंजी 50 जमापूंजी करोड़ से अधिक थी, राष्ट्रीकरण किया गया। 15 अप्रैल 1980 में 6 और बैंकों का राष्ट्रीयकृत किया गया जिनकी जमा पूंजी 200 करोड़ से अधिक थी। 


विलय :
वर्ष 1993 में न्यू बैंक ऑफ इंडिया का विलय पंजाब नेशनल बैंक में कर दिया गया। 2008 में स्टेट बैंक ऑफ़ सौराष्ट्र, 2010 में स्टेट बैंक ऑफ़ इंदौर और 2017 में 5 एसोसिएट बैंकों का स्टेट बैंक ऑफ़ इण्डिया में विलय किया गया। वर्ष 2019 में तीन बैंकों, बैंक ऑफ़ बड़ौदा, विजया बैंक और देना बैंक का विलय किया गया। 1 अप्रैल, 2020 से 6 बैंक सिंडीकेट बैंक, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया, इलाहाबाद बैंक, कारपोरेशन बैंक और आंध्रा बैंक का अस्तित्व समाप्त हो गया है। इन बैंकों को 4 बैंकों में मर्जर कर दिया गया है। जो 4 बैंक होंगे केनरा बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, इंडियन बैंक और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया। वर्तमान (2021) में सरकारी क्षेत्र बैंक की संख्या 12 हैै।


क्षेत्रय ग्रामीण बैंक
ग्रामीण क्षेत्रो में बैंकिंग सुविधा के विस्तार के लिए "क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक" की स्थापना आर.जी. सुरैय्या समिति की सिफारिश पर 2 अक्टूबर 1975 में किया गया। 1989 तक  23 राज्यो मे 196 क्षेत्रय ग्रामीण बैंक स्थापित किये जा चुके थे।1989 में प्रो. ए. एम खुसरो की अद्यक्षता मे गठित कृषि साख समीक्षा ने क्षेत्रय ग्रामीण बैंक को उनके प्रवर्तक बैंक में विलय करने की सिफारिश की। 1997 मे गठित केलकर समिति ने नये ग्रामीण बैंक ना खोलने की सिफारिश की।
वर्तमान में कुल 56 ग्रामीण बैंक है। सिक्किम एवं गोवा में ग्रामीण बैंक कार्यरत नहीं है।

सहकारी बैंक
ये बैंक सहकारिता के सिद्धांत पर कार्य करते है। भारत मे लगभग 2 लाख सहकारी समितियां है जिनकी सदस्य संख्या लगभग 18 करोड़ है। इनके 3 स्तर हिट है।
1 राज्य सहकारी बैंक
2 जिला सहकारी बैंक
3 प्राथमिक ऋण समितियाँ