छत्तीसगढ़ लॉजिस्टिक पार्क नीति 2018, अप्रैल 2018 से 31 मार्च 2023 तक पांच वर्ष के लिए निर्धारित की गयी है। इस नीति का उद्देश्य राज्य में लॉजिस्टिक्स सेवा के क्षेत्र को विकसित करना तथा राज्य की भंडारण क्षमता में वृद्धि करना है। नीति के तहत प्रोत्साहन प्राप्त करने के लिए न्यूनतम 50 हजार मेट्रिक टन भण्डारण क्षमता का लॉजिस्टिक्स पार्क 30 माह के भीतर बनाना होगा।
स्थानीय नागरिकों को रोजगार उपलब्ध कराने की औद्योगिक नीति की शर्त
अकुशल श्रेणी में न्यूनतम 90 प्रतिशत।
कुशल श्रेणी में न्यूनतम 50 प्रतिशत।
प्रबंधकीय/प्रशासकीय श्रेणी में न्यूनतम 33 प्रतिशत रखना।
नीति के महत्वपूर्ण प्रावधान:
1. नवीन लॉजिस्टिक्स पार्क को दिए जाने वाले अनुदान तथा छूट व रियायतें-स्थायी पूंजी निवेश अनुदान के तहत स्थायी पूंजी निवेश का 35 प्रतिशत, जिसकी अधिकतम सीमा 10 करोड़ से 15 करोड़ रूपए होगी।
2. ब्याज अनुदान-लॉजिस्टिक्स नीति के तहत छह वर्ष से सात वर्ष तक कुल भुगतान किए गए ब्याज का 50 से 60 प्रतिशत अधिकतम सीमा 60 लाख से एक करोड़ रूपए तक वार्षिक।
3. विद्युत शुल्क से छूट-केवल नवीन लॉजिस्टिक्स पार्कों को आठ वर्ष से दस वर्ष तक पूर्ण छूट।
4. स्टाम्प शुल्क से छूट।
5. डेव्हलपर द्वारा किए गए कर्मचारी भविष्य निधि अंशदान पर पांच वर्षों तक प्रतिपूर्ति की जाएगी, जिसकी अधिकतम सीमा एक लाख रूपए प्रति वर्ष होगी।
6. अधिकतम 50 वाहनों पर वाहन पंजीयन शुल्क में 50 प्रतिशत की छूट दी जाएगी।
स्थानीय नागरिकों को रोजगार उपलब्ध कराने की औद्योगिक नीति की शर्त
अकुशल श्रेणी में न्यूनतम 90 प्रतिशत।
कुशल श्रेणी में न्यूनतम 50 प्रतिशत।
प्रबंधकीय/प्रशासकीय श्रेणी में न्यूनतम 33 प्रतिशत रखना।
नीति के महत्वपूर्ण प्रावधान:
1. नवीन लॉजिस्टिक्स पार्क को दिए जाने वाले अनुदान तथा छूट व रियायतें-स्थायी पूंजी निवेश अनुदान के तहत स्थायी पूंजी निवेश का 35 प्रतिशत, जिसकी अधिकतम सीमा 10 करोड़ से 15 करोड़ रूपए होगी।
2. ब्याज अनुदान-लॉजिस्टिक्स नीति के तहत छह वर्ष से सात वर्ष तक कुल भुगतान किए गए ब्याज का 50 से 60 प्रतिशत अधिकतम सीमा 60 लाख से एक करोड़ रूपए तक वार्षिक।
3. विद्युत शुल्क से छूट-केवल नवीन लॉजिस्टिक्स पार्कों को आठ वर्ष से दस वर्ष तक पूर्ण छूट।
4. स्टाम्प शुल्क से छूट।
5. डेव्हलपर द्वारा किए गए कर्मचारी भविष्य निधि अंशदान पर पांच वर्षों तक प्रतिपूर्ति की जाएगी, जिसकी अधिकतम सीमा एक लाख रूपए प्रति वर्ष होगी।
6. अधिकतम 50 वाहनों पर वाहन पंजीयन शुल्क में 50 प्रतिशत की छूट दी जाएगी।