10/02/2019

महात्मा गांधी जी के द्वारा भारत में किये गए महत्वपूर्ण आंदोलन


महात्मा गांधी को 'फादर ऑफ नेशन' कहा जाता है। 2 अक्टूबर 1869 में मोहनदास करमचंद गांधी का जन्म हुआ। गांधी जी के पिता का नाम करमचंद उत्तमचंद गांधी था और वो पोरबंदर के दीवान थे।
वर्ष 1906 में ट्रांसवाल एशियाटिक रजिस्ट्रेशन एक्ट के खिलाफ दक्षिण अफ्रीका में पहला सत्याग्रह अभियान चलाया। इसमें पंजीयन न कराने वाले एशियाई मूल के लोगों को दक्षिण अफ्रीका से निकालने का प्रावधान था।

महात्मा गांधी जी के द्वारा किये गए महत्वपूर्ण आंदोलन निम्न है:-

चंपारण सत्याग्रह : बिहार के चंपारण महात्मा गांधी के नेतृत्व में यह पहला सत्याग्रह था। 1917 में बिहार के चंपारण पहुंचकर खाद्यान के बजाय नील एवं अन्य नकदी फसलों की खेती के लिए बाध्य किए जाने वाले किसानों के समर्थन में सत्याग्रह किया।

खेड़ा सत्याग्रह : वर्ष 1918 में गुजरात के खेड़ा नामक गांव में बाढ़ आने के कारण किसान ब्रिटिश सरकार द्वारा लगाए जाने वाले टैक्स भरने में अक्षम हो गए। किसानों ने इस दुविधा से निकलने के लिए गांधीजी की सहायता मांगी तब गांधी जी ने किसानों को टैक्स में छूट दिलाने के लिए आंदोलन किया जिसे 'खेड़ा सत्याग्रह' के नाम से जाना जाता है।

असहयोग आंदोलन : रॉलेट सत्याग्रह की सफलता के बाद महात्मा गांधी ने असहयोग आंदोलन चलाया। जिसकी सुरुवात 1 अगस्त 1920 को हुई। यह आंदोलन1920 से फरवरी 1922 के बीच महात्‍मा गांधी तथा भारतीय राष्‍ट्रीय कॉन्‍ग्रेस के नेतृत्‍व में असहयोग आंदोलन चलाया गया। इस आंदोलन के तहत लोगों से अपील की कि ब्रिटिश सरकार के खिलाफ असहयोग जताने को स्कूल, कॉलेज, न्यायालय न जाएं और न ही कर चुकाएं।

नमक सत्याग्रह : इस आंदोलन को दांड़ी सत्याग्रह भी कहा जाता है। नमक के व्यापार पर ब्रिटिश सरकार के एकाधिकार के खिलाफ 12 मार्च 1930 को अहमदाबाद के पास स्थित साबरमती आश्रम से दांडी गांव तक 24 दिनों का पैदल मार्च निकाला।

दलित आंदोलन : 1932 में गांधी जी ने अखिल भारतीय छुआछूत विरोधी लीग की स्थापना की और इसके बाद 8 मई 1933 से छुआछूत विरोधी आंदोलन की शुरुआत की। ‘हरिजन’ नामक साप्ताहिक पत्र का प्रकाशन करते हुए हरिजन आंदोलन में मदद के लिए 21 दिन का उपवास किया।

भारत छोड़ो आंदोलन :  ब्रिटिश शासन के खिलाफ़ यह गांधी जी का सबसे बड़ा आंंदोलन था। 8 अगस्त 1942 को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के बंबई सत्र में ग्वालिया टैंक मैदान से ‘अंग्रेजों भारत छोड़ो’ का नारा दिया। हालांकि, इसके तुरंत बाद गिरफ्तार हुए पर युवा कार्यकर्ता हड़तालों और तोड़फोड़ के जरिए आंदोलन चलाते रहे।