"छत्तीसगढ़ शौर्य पदक" प्रत्येक वर्ष छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस यानि 1 नवम्बर को ड्यूटी के दौरान वीरतापूर्ण प्रदर्शन करने वाले राज्य पुलिस के जवानों को प्रदान किया जाता है। शौर्य पदक को मरणोपरांत भी प्रदान किया जाता है।
भत्ता: शौर्य पदक से नवाजे जवानों को हर माह डेढ़ हज़ार रुपये मुद्राभत्ता के तौर पर दिया जाता है।
अधिसूचना 2017 ( पदक की घोषणा ):
इस संबंध में छत्तीसगढ़ राजपत्र में अधिसूचना का प्रकाशन किया गया है, तथा उसमे बताया गया है कि पदको के लिए कोई सीमा नहीं है लेकिन प्रतिवर्ष औसतन पांच पदक प्रदान किये जायेंगे। इस संबंध में छत्तीसगढ़ शौर्य पदक नियम 2017 बनाया गया है।
इस संबंध में छत्तीसगढ़ राजपत्र में अधिसूचना का प्रकाशन किया गया है, तथा उसमे बताया गया है कि पदको के लिए कोई सीमा नहीं है लेकिन प्रतिवर्ष औसतन पांच पदक प्रदान किये जायेंगे। इस संबंध में छत्तीसगढ़ शौर्य पदक नियम 2017 बनाया गया है।
पदक:
शौर्य पदक कांस्य से बना होता है, जिसमे सोने का लेप होता है। इसके आगे के भाग में राज्य का प्रतीक तथा पीछे के भाग में राजकीय वृक्ष ‘साल’ का चित्र अंकित तोता है।
शौर्य पदक कांस्य से बना होता है, जिसमे सोने का लेप होता है। इसके आगे के भाग में राज्य का प्रतीक तथा पीछे के भाग में राजकीय वृक्ष ‘साल’ का चित्र अंकित तोता है।
शौर्य पदक 2019:
युगल किशोर और कृषलाल को मरणोपरांत तथा सहायक उप निरीक्षक सुरेश कश्यप और प्रधान आरक्षण ताती मुकेश प्रथम छत्तीसगढ़ शौर्य पदक पुरस्कार प्रदान किया गया।
युगल किशोर और कृषलाल को मरणोपरांत तथा सहायक उप निरीक्षक सुरेश कश्यप और प्रधान आरक्षण ताती मुकेश प्रथम छत्तीसगढ़ शौर्य पदक पुरस्कार प्रदान किया गया।