1/16/2020

ब्रू या रेयांग (Bru or Reang) समुदाय - विवाद का कारण



ब्रू या रेयांग (Bru or Reang) समुदाय पूर्वोत्तर भारत के मूल निवासी हैं जो मुख्यतः त्रिपुरा, मिज़ोरम तथा असम में रहते हैं। मिजोरम में ब्रू अनुसूचित जनजाति का एक समूह माना जाता है और त्रिपुरा में एक अलग जाति है। त्रिपुरा में इन्हें रियांग नाम से जाना जाता हैं, इनकी भाषा भी ब्रू है।

किवदंतियों के अनुसार, माना जाता है कि त्रिपुरा का एक राजकुमार, जिसे राज्य से निकाल दिया गया था वह, अपने समर्थकों के साथ मिज़ोरम में जाकर बस गया। वहाँ उसने एक स्वतंत्र राज्य की स्थापना की। ब्रू समुदाय के पूर्वज उस राजकुमार के समर्थक थे।

विवाद क्या है?
वर्ष 1995 में यंग मिज़ो एसोसिएशन और मिज़ो स्टूडेंट्स एसोसिएशन ने राज्य की चुनावी भागीदारी में ब्रू समुदाय के लोगों की मौजूदगी का विरोध किया। 40 सीटों वाली मिजोरम विधानसभा में से 9 विधानसभा क्षेत्रों में ब्रू शरणार्थी वोटरों की निर्णायक भूमिका है।

मिजो संगठनों का कहना था कि ब्रू समुदाय के लोग राज्य के मुल निवासी नहीं है।  'मिज़ो’ तथा ‘ब्रू’ जनजातियों के बीच हुए आपसी झड़प की वजह से ‘यंग मिज़ो एसोसिएशन’ (Young Mizo Association) तथा ‘मिज़ो स्टूडेंट्स एसोसिएशन’ (Mizo Students’ Association) ने यह मांग रखी कि ब्रू लोगों के नाम राज्य की मतदाता सूची से हटाए जाए। इसके बाद 21 अक्टूबर, 1996 को  ब्रू नेशनल लिबरेशन फ्रंट (Bru National Liberation Front-BNLF) ने एक मिज़ो अधिकारी की हत्या कर दी जिसके बाद से दोनों समुदायों के बीच सांप्रदायिक दंगा भड़क गया।जिसके बाद लगभग 37,000 ब्रू लोगों को मिज़ोरम छोड़ना पड़ा। उसके बाद उन्हें त्रिपुरा के शरणार्थी शिविरों में रखा गया। तब से अभी तक लगभग 5,000 ब्रू लोग वापस मिज़ोरम लौट सके हैं जबकि शेष 32,000 अभी भी त्रिपुरा के कंचनपुर और पाणिसागर उपसंभागों में बने शरणार्थी शिविरों में रह रहे हैं।

धर्म :
मिजोरम में मिजो के बाद अल्पसंख्यक समुदायों में रिआंग-ब्रू लोगों की संख्या सबसे अधिक है। ये समाज वैष्णव हिन्दू है और बहुसंख्यक मिज़ो ईसाई धर्म अपना चुके है।