2020-21 के लिए देश की जीडीपी ग्रोथ 6 से 6.5 फीसदी रहने का भरोसा जताया गया है। फिलहाल वित्त वर्ष 2019-20 के लिए देश की जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 5 फीसदी है।
2020-21 में कृषि और इससे जुड़े क्षेत्र में 2.8 फीसदी ग्रोथ का भरोसा जताया है। मौजूदा वित्त वर्ष के लिए यह अनुमान 2.9 फीसदी रखा गया है। साथ ही उन्होंने 2019-20 में इंडस्ट्रीयल ग्रोथ के 2.5 फीसदी रहने का अनुमान जताया है।
वर्ष 2014 से लेकर वर्ष 2018 तक की अवधि के दौरान औपचारिक क्षेत्र में नई कंपनियों की संचयी वार्षिक वृद्धि दर 12.2 प्रतिशत रही, जबकि वर्ष 2006 से लेकर वर्ष 2014 तक की अवधि के दौरान यह वृद्धि दर 3.8 प्रतिशत थी। वर्ष 2018 में लगभग 1.24 लाख नई कंपनियों का गठन हुआ जो वर्ष 2014 में गठित लगभग 70,000 नई कंपनियों की तुलना में तकरीबन 80 प्रतिशत अधिक है।
विकास और रोज़गार सृजन : भारत में "एसेम्बल इन इंडिया" और "मेक इन इंडिया" योजना को एक साथ मिलाने से निर्यात बाज़ार में भारत की हिस्सेदारी वर्ष 2025 तक 3.5% तथा वर्ष 2030 तक 6% हो जाएगी।
भारत की तरफ से निर्यात किये गए कुल उत्पादों में 10.9% जबकि विनिर्माण उत्पादों के निर्यात में 13.4% की वृद्धि हुई। कुल आयातित उत्पादों में 8.6% तथा विनिर्माण उत्पादों के आयात में 12.7% की बढ़ोतरी हुई।
कारोबार सुगमता : विश्व बैंक के कारोबारी सुगमता रैंकिंग में भारत वर्ष 2014 में जहाँ 142वें स्थान पर था, वहीं वर्ष 2019 में वह 63वें स्थान पर पहुँच गया।
मुद्रास्फीति प्रवृत्तियाँ : वर्ष 2014 के बाद मुद्रास्फीति नियंत्रित रही, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) मुद्रास्फीति वर्ष 2018-19 (अप्रैल से दिसंबर 2018) में 3.7% थी। थोक मूल्य सूचकांक मुद्रास्फीति 2018-19 (अप्रैल से दिसंबर 2018) में 4.7% से गिरकर 2019-20 (अप्रैल से दिसंबर 2019) में 1.5% हो गई।
वैदेशिक क्षेत्र
भुगतान संतुलन (BOP): भारत की BOP की स्थिति में सुधार हुआ है। भारत का विदेशी मुद्रा भंडार सितंबर 2019 के अंत में 433.7 बिलियन डॉलर का हो गया था।
चालू खाता घाटा (CAD) वर्ष 2018-19 में 2.1% था जो वर्ष 2019-20 की पहली छमाही में घटकर 1.5% हो गया। वैश्विक व्यापार : वर्ष 2019 में वैश्विक उत्पादन में 2.9% अनुमानित वृद्धि के अनुरूप वैश्विक व्यापार में 1.0% वृद्धि दर का अनुमान है, जबकि 2017 में यह 5.7% के शीर्ष स्तर तक पहुँचा था। भारत के शीर्ष पाँच व्यापारिक साझेदार अमेरिका, चीन, संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब और हॉन्गकॉन्ग हैं।
निर्यात : शीर्ष निर्यात मदें- पेट्रोलियम उत्पाद, बहुमूल्य पत्थर, औषधि, स्वर्ण और अन्य बहुमूल्य धातुएँ।
2019-20 (अप्रैल-नवंबर) में सबसे बड़े निर्यात स्थलः अमेरिका, उसके बाद संयुक्त अरब अमीरात, चीन और हॉन्गकॉन्ग। वर्ष 2009-14 और 2014-19 के बीच गैर पेट्रोलियम उत्पादों के निर्यात में देखी वृद्धि में अब कमी आई है।
आयात : शीर्ष आयात मदें- कच्चा पेट्रोलियम, सोना, पेट्रोलियम उत्पाद, कोयला, कोक एवं ब्रिकेट्स। भारत का सर्वाधिक आयात चीन से जारी रहेगा, उसके बाद अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात और सऊदी अरब का स्थान है।