3/19/2020

कोरोना वायरस क्या है ?

कोरोनावायरस (Coronavirus) कई वायरस (विषाणु) प्रकारों का एक समूह है जो स्तनधारियों और पक्षियों में रोग के कारक होते हैं। यह आरएनए वायरस होते हैं। मानवों में यह श्वास तंत्र संक्रमण के कारण होते हैं, जो अधिकांश रूप से मध्यम गहनता के लेकिन कभी-कभी जानलेवा होते हैं। गाय और सूअर में यह अतिसार और मुर्गियों में यह ऊपरी श्वास तंत्र के रोग के कारण बनते हैं। इनकी रोकथाम के लिए कोई टीका (वैक्सीन) या वायररोधी (antiviral) अभी उपलब्ध नहीं है और उपचार के लिए प्राणी की अपने प्रतिरक्षा प्रणाली पर निर्भर करता है और रोगलक्षणों (जैसे कि निर्जलीकरण या डीहाइड्रेशन, ज्वर, आदि) का उपचार किया जाता है ताकि संक्रमण से लड़ते हुए शरीर की शक्ति बनी रहे।



नोवेल कोरोनावायरस (2019 novel coronavirus, 2019-nCoV), इसे वूहान कोरोनावायरस (Wuhan coronavirus) भी कहते है, ये श्वसन तंत्र संक्रमण उत्पन्न करता है और मानव-से-मानव में फैलता है। इसकी पहचान सर्वप्रथम सन् 2019-20 में वूहान, हूबेई, चीन में करी गई थी, जहाँ यह 2019–20 वुहान कोरोना वायरस प्रकोप का कारक था। इसके एक पशुजन्यरोग होने के संकेत हैं कि इसके पहले ज्ञात रोगी वूहान के एक ऐसे बाज़ार से सम्बन्धित थे जहाँ तरह-तरह के प्राणी माँस के लिए बिकते थे। सम्भव है कि यह आरम्भ में चमगादड़ से मानव में फैला हो क्योंकि इस बाज़ार में चमगादड़ भी खाए जाते हैं और इस वायरस का चमगादड़ों में पाए जाने वाले कुछ कोरोनावायरस से अनुवांशिक समानताएँ मिलती हैं।
यह भी माना जा रहा है कि यह वायरस पैंगोलिन से मानव में फैला हो। इस वायरस के मानव-से-मानव संचरण की पुष्टि 2019-20 कोरोनोवायरस महामारी के दौरान की गई है। इसका प्रसार मुख्य रूप से लगभग 6 फीट (1.8 मीटर) की सीमा के भीतर खांसी और छींक से बूंदों के माध्यम से होता है। दूषित सतहों के माध्यम से अप्रत्यक्ष संपर्क, संक्रमण का एक और संभावित कारण है।