10/22/2020

शाहजहाँ - मिर्ज़ा साहब उद्दीन बेग़ मुहम्मद ख़ान ख़ुर्रम - Mirza Shahab-ud-din Baig Muhammad Khan Khurram


शाहजहाँ का जन्म 5 जनवरी, 1592 ई. को लाहौर में हुआ था। शाहजहाँ जहाँगीर और "जगत गोसाई" (जोधाबाई) का पुत्र था। 1627 में अपने पिता की मृत्यु होने के बाद वह गद्दी पर बैठा। शाह जहाँ का वास्तविक नाम मिर्ज़ा साहब उद्दीन बेग़ मुहम्मद ख़ान ख़ुर्रम था।


विवाह :

उसका विवाह 20 वर्ष की आयु में नूरजहाँ के भाई आसफ़ ख़ाँ की पुत्री "आरज़ुमन्द बानो" से सन् 1611 में हुआ था। वही बाद में "मुमताज़ महल" के नाम से उसकी प्रियतमा बेगम हुई।


संतान

  • दारा शिकोह
  • शुज़ा
  • मुराद
  • औरंगज़ेब
  • जहाँआरा ( पुत्री )
  • रोशनआरा
  • गौहनआरा

विद्रोह

शाहजांह दारा को ही अपना उत्तराधिकारी बनाना चाहते थे लेकिन 1657 ईं में शाहजांह के चारों बेटों में सिंहासन के लिए विद्रोह शुरू हो गया। और 18 जून 1658 में औरंगजेब ने शाहजहां को बंदी बना लिया। 25 अप्रैल 1658 ई में दारा और औरंगजेब के बीच धरमट का युद्ध हुआ। इस युद्ध में दाराशिकोह हार गया। युद्ध में हारने के बाद 1659 ईं में दारा शिकोह की हत्या कर दी गई। शाहजाहं को आगरे के लाल किले में कैद रखा गया था। 8 साल तक शहंशाह इस किले में कैद रहे। 1666 ईं में 74 साल की उम्र में शाहजांह की मृत्यु हो गई। 


ताजमहल

वर्ष 1632 में शाहजहां पत्नी मुमताज महल की मकबरे के लिए शुरू किया गया था। मकबरे का निर्माण वर्ष 1643 में पूरा किया गया था लेकिन परियोजना के अन्य चरणों में काम 10 वर्षों तक जारी रहा। शाहजहां की मृत्यू (22 जनवरी, सन् 1666) के बाद उनकी भी ताजहल में ही बना दी गयी।

शाहजहां के पोते आजम शाह ने ताजमहल से प्रेरित होकर अपनी मां दिलरास बानो बेगम की याद में बीबी का मकबरा बनवाया। इसका निर्माण 1651 से 1661 ईसवीं के बीच करवाया गया था।