12/05/2020

अरुणाचल प्रदेश का संक्षिप्त विवरण - Brief description of Arunachal Pradesh



अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) भारत का सबसे बड़ा उत्तर पूर्वी राज्य है। अरुणाचल का अर्थ हिन्दी मे "उगते सूर्य का पर्वत" है (अरूण + अचल ; 'अचल' का अर्थ 'न चलने वाला' = पर्वत होता है।)।

1972 तक यह पूर्वोत्‍तर सीमांत एजेंसी ( North-East Frontier Agency - NEFA ) के नाम से जाना जाता था। इसे 20 जनवरी 1972 से केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा मिला। अरूणाचल प्रदेश को 20 फरवरी, 1987 को पूर्ण राज्‍य का दर्जा मिला। 

15 अगस्‍त, 1975 को चयनित विधानसभा का गठन किया गया तथा पहली मंत्री परिषद ने कार्यभार ग्रहण किया। प्रथम आम चुनाव फरवरी, 1978 में करवाए गए।

जब सितंबर 1965 में नॉर्थ-ईस्ट फ्रंटियर एजेंसी का नियंत्रण गृह मंत्रालय को हस्तांतरित किया गया था, तब पांच डिवीजन कामेंग, सुबानसिरी, सियांग, लोहित और तिरप को जिले बनाये गए थे। वर्तमान में 25 जिले हैं। राज्‍य की राजधानी ईटानगर पापुम पारा जिले में हैं। ईटानगर नाम ईटा किले पर पड़ा है जिसका अर्थ है ईंटों का किला, जिसे 14 सदी पूर्व बनाया गया था।


पुराणो और महाकाव्यो में अरुणाचल प्रदेश:

कल्कि पुराण तथा महाभारत में अरूणाचल प्रदेश का उल्‍लेख मिलता है। यह पुराणों में वर्णित प्रभु पर्वत नामक स्‍थान है।

परशुराम ने यहां अपने पापों का प्रायश्चित किया था, ऋषि व्‍यास ने यहां आराधना की थी, राजा भीष्‍मक ने यहां अपना राज्‍य बसाया तथा भगवान कृष्‍ण ने रूक्मिणि से विवाह किया था।

इदु-मिश्मी (Idu-Mishmi) का मानना है कि रुक्मिणी उनके गोत्र की थीं। इस जनजाति में 'रुक्मिणी हरण' पर नाटक भी किया जाता हैं। एक किंवदंती है कि भगवान कृष्ण ने मिश्मी लोगों को रुक्मिणी से शादी नहीं करने के लिए सजा के रूप में अपने बाल काटने के लिए कहा था। इस इडु-मिश्मी लोगों को भी कहा जाता है "चूलिकाटा" (chulikata) - (चूली-बाल, काटा- कट)।


अरुणाचल प्रदेश के त्यौहार 

  • आदिस - मोपिन और सोलुंग
  • मोनपा - लोस्‍सार
  • अपतानी - द्री 
  • तगिनों - सी-दोन्‍याई
  • इदु-मिशमी - रेह
  • निशिंग - न्‍योकुम

अरुणाचल प्रदेश की भाषाएँ :

अरुणाचल प्रदेश में लगभग 32 से 34 भाषाएँ बोली जाती हैं। इन भाषाओं के भीतर विभिन्न भाषा या बोलियों को मिला कर कुल संख्या 90 तक पहुँच सकती है।
अरुणाचल प्रदेश की भाषाओं को "तिब्बती-बर्मन" और "ताई(Tai)" भाषा समूह के अंतर्गत लोलो-बर्मिश, बोधिक, साल, तानी, मिशमी, ह्रुईश और ‘ताई’जैसे समूहों में वर्गीकृत किया गया है।
यूनेस्को के "विश्व की जोख़िमयुक्त भाषाओं के एटलस(2009)" के अनुसार, अरुणाचल प्रदेश की 26 से अधिक भाषाओं को संकटग्रस्त भाषा माना गया है

तांगम भाषा : तांगम समुदाय की भाषा बोलने वाले लोगों की संख्या लगभग 250 है, जो अरुणाचल प्रदेश के एक छोटे से कस्बे में केंद्रित है।