भारतीय क्षेत्रीय मार्गनिर्देशन उपग्रह तंत्र (आईआरएनएसएस) : नाविक क्या है ? Indian Regional Navigation Satellite System
आईआरएनएसएस (Indian Regional Navigation Satellite System ) भारत के अन्तरिक्ष अनुसंधान (ISRO) के द्वारा विकसित स्वतंत्र क्षेत्रीय मार्गनिर्देशन तंत्र है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका नाम भारत के मछुवारों को समर्पित करते हुए नाविक रखा है। इस परियोजना की लागत करीब ₹16 बिलियन (US$233.6 मिलियन) है।
इस प्रणाली द्वारा सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से IRNSS-1A उपग्रह के साथ 1 जुलाई 2013 रात में बजे उड़ान भरी।
यह प्रणाली 1500 कि.मी. के दायरे, में आनेवाले सभी क्षेत्रों में सटीक स्थिति संबंधित सूचनाएं उपलब्ध कराने के लिए डिजाइन किया गया है। इसका विस्तारित क्षेत्र मूल सेवा क्षेत्र तथा 30 डिग्री दक्षणि से 50 डिग्री उत्तरी अक्षांश तथा 30 डिग्री पूर्व से 130 डिग्री पूर्व देशांतर में अवरत चतुर्भुज के सभी क्षेत्रों में व्याप्त है।
IRNSS द्वारा दो प्रकार की सेवाएं:
- मानक स्थिति निर्धारण सेवा (एसपीएस) जो कि सभी प्रयोक्ताओं को उपलब्ध है।
- प्रतिबंधित सेवा (आरएस) जो कि एक गूड कोडित सेवा है, केवल प्राधिकृत प्रयोक्ताओं को उपलब्ध है।
आईआरएनएसएस तंत्र द्वारा मूल सेवा क्षेत्र में 20 मीटर से भी बेहतर स्थिति परिशुद्धता अपेक्षित है।
आईआरएनएसएस के उपयोग
- स्थलीय, हवाई, महासागरीय दिशानिर्देशन
- आपदा प्रबंधन
- वाहन अनुवर्तन तथा बेड़ा प्रबंधन
- मोबाइल फोन के साथ समाकलन
- परिशुद्ध काल-गणना
- मानचित्रण तथा भूगणतीय आंकड़ा अर्जन
- पद यात्रियों तथा पर्यटकों के लिए स्थलीय दिशानिर्देशन की सुविधा
- चालकों के लिए दृश्य व श्रव्य दिशानिर्देशन की सुविधा