1/30/2021

मुकनायक पत्रिका - Muknayak Patrika

मूकनायक के प्रकाशन की शुरुआत 31 जनवरी, 1920 को हुई थी। भीमराव आंबेडकर ने मूकनायक नाम का मराठी में एक पाक्षिक अखबार शुरू किया था। मूकनायक डॉ. आंबेडकर जी के द्वारा प्रकाशित प्रथम पत्रिका थी।

डॉ. आंबेडकर को अपने विचार जनता तक पहुंचाने के लिए कई पत्र निकालने पड़े, जिनके नाम हैं - 

  • मूकनायक (1920)
  • बहिष्कृत भारत (1924)
  • समता (1928)
  • जनता (1930)
  • आम्ही शासनकर्ती जमात बनणार (1940)
  • प्रबुद्ध भारत (1956)

उन्होंने संपादन, लेखन और सलाहकार के तौर पर काम करने के साथ इन प्रकाशनों का मार्गदर्शन भी किया।


पृष्ठभूमि:

मुकनायक पत्र के प्रकाशन की योजना वर्ष 1919 में बनी थी। तब आंबेडकर के सामाजिक कार्यों के सहयोगी और कोल्हापुर के छत्रपति शाहू महाराज के राज्य सेवा में आए कर्मचारी संतराम पवार ने महाराज को बताया कि डॉ. आंबेडकर पिछड़ी, अति पिछड़ी, आदिवासी और बहिष्कृत जातियों में जागृति फैलाने और स्वराज सामाजिक न्याय, समता और बंधुता विषयक समान अधिकारों के लिए जागरूकता मंच के रूप में अखबार निकालना चाहते हैं। शाहू जी महाराज ने आंबेडकर को एकमुश्त 2,500 रुपये की नकद राशि दी।


प्रकाशन :

डॉ. आंबेडकर ने इन पत्रिकाओं के माध्यम से भारत के अछूतों के अधिकारों की मांग उठाई। उन्होंने मूकनायक के पहले बारह संस्करणों का संपादन किया। जिसके बाद उन्होंने इसके संपादन की ज़िम्मेदारी पांडुरंग भाटकर को सौंप दी थी। बाद में डी डी घोलप इस पत्र के संपादक बने। मूकनायक का प्रकाशन 1923 में बंद हो गया।