राज्य स्तरीय एवं राष्ट्रीय राजनीतिक के रूप में मान्यता के लिये शर्तें और उन्हे होने के लाभ

भारत के चुनाव आयोग ने एक पार्टी को राष्ट्रीय या राज्य स्तर की पार्टियों के रूप में मान्यता देने के लिए कुछ मानदंड निर्धारित किए हैं. भारत में तीन तरह के राजनीतिक दल हैं।

  1. राष्ट्रीय दल
  2. राज्य पक्ष
  3. भारत में क्षेत्रीय दल

अप्रैल 2019 तक भारत में कुल राष्ट्रीय पार्टियों की संख्या 7, राज्य के मान्यता प्राप्त दलों की संख्या 35 और भारत में क्षेत्रीय दलों की संख्या लगभग 329 हैं।


अपडेट अप्रैल, 2023 :

देश में अभी 6 राष्ट्रीय पार्टी

  1. भारतीय जनता पार्टी (BJP)
  2. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) 
  3. बहुजन समाज पार्टी (BSP) 
  4. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) (CPM) 
  5. नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP)
  6. आम आदमी पार्टी (AAP)


राज्य स्तरीय राजनीतिक दल के रूप में मान्यता के लिये शर्तें:

किसी राजनीतिक दल को राज्य स्तरीय दल के रूप में मान्यता प्राप्त करने के लिये निम्नलिखित अहर्ताओं में से किसी एक को पूरा करना अनिवार्य होता है :

दल ने राज्य की विधानसभा के लिये हुए चुनावों में कुल सीटों का 3% या 3 सीटें, जो भी अधिक हो, प्राप्त किया हो।

लोकसभा के लिये हुए आम चुनाव में दल ने राज्य के लिये निर्धारित प्रत्येक 25 लोकसभा सीटों में 1 सीट पर जीत दर्ज की हो।

राज्य में हुए लोकसभा या विधानसभा के चुनावों में दल ने कुल वैध मतों के 6% मत प्राप्त किये हों तथा इसके अतिरिक्त उसने 1 लोकसभा सीट या 2 विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज की हो।

राज्य में लोकसभा या विधानसभा के लिये हुए चुनावों में दल ने कुल वैध मतों के 8% मत प्राप्त किये हों।


राष्ट्रीय राजनीतिक दल के रूप में मान्यता के लिये शर्तें:

किसी राजनीतिक दल को राष्ट्रीय दल के रूप में तब मान्यता दी जाएगी जब वह निम्नलिखित अहर्ताओं में से किसी एक को पूरा करता हो :

लोकसभा चुनावों में कुल लोकसभा सीटों की 2% (11 सीट) सीटों पर जीत हासिल करता हो तथा ये सीटें कम-से-कम तीन अलग-अलग राज्यों से हों। (2014 के चुनाव के अनुसार 11 सीटें)

लोकसभा या राज्यों के विधानसभा चुनावों में 4 अलग-अलग राज्यों से कुल वैध मतों के 6% मत प्राप्त करे तथा 4 लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज करे।

यदि कोई दल चार या इससे अधिक राज्यों में राज्य स्तरीय दल के रूप में मान्यता प्राप्त करे।


नोट: किसी भी राजनीतिक दल के लिये राष्ट्रीय या राज्य स्तरीय दलों की श्रेणी में बने रहने हेतु यह आवश्यक है कि वह आगामी चुनावों में भी उपरोक्त अहर्ताओं को पूरा करे अन्यथा उससे वह दर्जा वापस ले लिया जाएगा।


राष्ट्रीय तथा राज्य स्तरीय दल को मिलनें वाले लाभ :

अगर किसी पंजीकृत दल को राज्‍य स्‍तरीय दल की मान्यता प्राप्त है तो उसे जिस राज्‍य में मान्‍यता प्राप्‍त है, वहाँ अपने उम्‍मीदवारों को दल के लिये सुरक्षित चुनाव चिन्ह आवंटित करने का विशेषाधिकार प्राप्त होता है।

यदि किसी दल को राष्‍ट्रीय दल का दर्जा हासिल है तो उसे पूरे भारत में अपने उम्‍मीदवारों को दल के लिये सुरक्षित चुनाव चिन्‍ह आवंटित करने का विशेष अधिकार प्राप्‍त होता है।

मान्‍यता प्राप्‍त राष्‍ट्रीय या राज्‍यस्‍तरीय उम्‍मीदवारों को नामांकन-पत्र दाखिल करते वक्‍त सिर्फ एक ही प्रस्‍तावक की ज़रूरत होती है।

इसके अलावा उन्‍हें मतदाता सूचियों में संशोधन के वक्‍त मतदाता सूचियों के दो सेट नि:शुल्क पाने का अधिकार भी होता है। आम चुनाव के दौरान उनके उम्‍मीदवारों को भी मतदाता सूची का एक सेट नि:शुल्क पाने का हक होता है।

मान्यता प्राप्त दलो को आकाशवाणी और दूरदर्शन पर प्रसारण की सुविधा भी मिलती है।

राजनीतिक दलों को आम चुनाव के दौरान अपने स्‍टार-प्रचारक (Star Campaigner) नामित करने की सुविधा भी प्राप्‍त होती है।

मान्‍यता प्राप्‍त राष्‍ट्रीय या राज्‍य स्‍तरीय दल अपने लिये अधिकतम 40 और एक गैर मान्‍यता प्राप्‍त पंजीकृत दल अधिकतम 20 स्‍टार-प्रचारक ही रख सकता है। इन स्‍टार प्रचारकों की यात्रा का खर्च उस उम्‍मीदवार या दल के खर्च में नहीं जोड़ा जाता जिसके पक्ष में ये प्रचार करते हैं।