4/11/2021

भारत में परमाणु ऊर्जा का इतिहास

प्रतीकात्मक फोटो


भारत में डा. होमी जहांगीर भाभा को भारत के परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम का जनक माना जाता है। इनकी के प्रयासों की वजह से ही वर्ष 1948 में भारत में परमाणु ऊर्जा अनुसंधान केन्द्र की स्थापना की गयी थी। भारत में परमाणु विद्युत उत्पादन हेतु नीति निर्माण के कार्यों के लिए "परमाणु ऊर्जा आयोग" की स्थापना वर्ष 1948 में की गयी।

परमाणु ऊर्जा से विद्युत उत्पादन प्रारम्भ करने हेतु "परमाणु ऊर्जा विभाग" की स्थापना 3 अगस्त, 1954 में की गयी थी। वर्ष 1954 में परमाणु ऊर्जा पर अनुसंधान हेतु भाभा एटामिक रिसर्च सेंटर(BARC) की स्थापना मुम्बई के ट्राम्बे में की गयी। इसके बाद भारत का पहला परमाणु अनुसंधान रिएक्टर "अपसरा" स्थापित किया गया।


परमाणु ऊर्जा आयोग :

भारतीय परमाणु ऊर्जा आयोग पहली बार "वैज्ञानिक अनुसंधान" विभाग में अगस्त 1948 में स्थापित किया गया था, जिसे कुछ महीने पहले जून 1948 में बनाया गया था। परमाणु ऊर्जा विभाग ( Department of Atomic Energy - DAE) की स्थापना 3 अगस्त, 1954 को राष्ट्रपति के आदेश के माध्यम से थी। इसके बाद, 1 मार्च, 1958 के एक सरकारी संकल्प के अनुसार, परमाणु ऊर्जा आयोग (AEC) परमाणु ऊर्जा विभाग में स्थापित किया गया था। प्रधानमंत्री (दिवंगत पंडित जवाहरलाल नेहरू) ने भी 24 मार्च, 1958 को लोकसभा के पटल पर इस प्रस्ताव की एक प्रति रखी थी।


संयंत्र :

भारत में प्रथम परमाणु विद्युत संयंत्र की स्थापना USA की सहायता से वर्ष 1969 में महाराष्ट्र के तारापुर में की गयी थी। 

परमाणु विद्युत गृहों के सुरक्षित संचालन एवं भारत सरकार की योजनाओं और कार्यक्रमों के अनुसरण में बिजली उत्पादन के लिए परमाणु ऊर्जा परियोजनाओं को लागू करना हेतु वर्ष 1987 में "न्यूक्लियर पावर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया(NPCIL) की स्थापना की गयी।

भारत में वर्तमान में कुल 8 परमाणु विद्युत गृह है। इन 8 विद्युत गृहों में 22 परमाणु रिएक्टर सक्रीय है।


परमाणु बम परीक्षण :

वर्ष 1962 में भारत चीन युद्ध के समय नेहरू ने मदद के लिए सोवियत संघ की ओर रुख किया, लेकिन सोवियत संघ क्यूबा मिसाइल संकट में व्यस्तता दिखा कर नेहरू के हथियारों के अनुरोध को ठुकरा दिया और चीनियों का समर्थन करना जारी रखा। इस घटना के बाद भारत ने निष्कर्ष निकाला कि सोवियत संघ एक अविश्वसनीय सहयोगी था, और इस निष्कर्ष ने परमाणु निवारक बनाने के लिए भारत के दृढ़ संकल्प को मजबूत किया। डिजाइन का काम 1965 में भाभा के अधीन शुरू हुआ और भाभा की मृत्यु के बाद कार्यक्रम को राजा रमन्ना ने संभाला।

सितंबर 1972, तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र को परमाणु उपकरण बनाने और परीक्षण के लिए तैयार करने के लिए अधिकृत किया। डिवाइस को औपचारिक रूप से "शांतिपूर्ण परमाणु विस्फोटक" कहा जाता था, लेकिन इसे "मुस्कुराते हुए बुद्ध Smiling Buddha" के रूप में जाना जाता है।

राजस्थान के पोखरण में 18 मई, 1974 को भारत ने अपना पहला परमाणु परीक्षण किया। पीएम गांधी के अलावा, केवल सलाहकार परमेश्वर हक्सर, दुर्गा धर और ऑपरेशन में 75 से अधिक वैज्ञानिक शामिल नहीं थे। इसे पोखरण-I भी कहा जाता है।

पोखरण-I संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UN) के पांच स्थायी सदस्यों के बाहर किसी राष्ट्र द्वारा पहला पुष्ट परमाणु हथियार परीक्षण भी था। इस वजह से दुनिया हिल गई थी।


पोखरण - II

11 मई से 13 मई के बीच 1998 में भारतीय सेना के पोखरण टेस्ट रेंज में भारत पांच परमाणु बम परीक्षण किये। इस परीक्षण का नाम ऑपेरशन शक्ति था।