प्राचीन भारत के इतिहास में दक्षिण भारत के राजवंशों का योगदान रहा है। भारत में गुप्त वंश के बाद हर्ष के अतिरिक्त कोई ऐसी शक्ति नहीं थी जो उत्तर भारत की राजनीतिक स्थिति को स्थिरता प्रदान कर सकती थी। इस समय दक्षिण भारत में दो महत्त्वपूर्ण वंशकांची के पल्लव वंश एवं बादामी या वातापी के चालुक्य वंश शासन कर रहे थे।
- सातवाहन राजवंश
- पांड्य राजवंश
- चेर राजवंश
- पल्लव वंश
- चालुक्य वंश ( वातापी)
- चालुक्य वंश (कल्याणी)
- चालुक्य वंश ( बेंगी)
- राष्ट्रकूट
- चोल वंश
- कदंब वंश
- गंगवंश
- काकतीय वंश
- यादव वंश
- होयसल वंश