केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC) के द्वारा जारी भारत का वन सर्वेक्षण रिपोर्ट 2021 ( ISFR 2021 ) के अनुसार वन पिछले दो वर्षों में देश के कुल वन और वृक्षों से भरे क्षेत्र में 2,261 वर्ग किमी की बढ़ोतरी हुई है। यह 17वीं भारत वन स्थिति रिपोर्ट है, जिसे 13 जनवरी‚ 2022 को जारी किया गया।
भारत का कुल वन क्षेत्र अब 7,13,789 वर्ग किलोमीटर है, यह देश के भौगोलिक क्षेत्र का 21.71% है जो वर्ष 2019 में 21.67% से अधिक है। पहली बार टाइगर रिज़र्व, टाइगर कॉरिडोर और गिर के जंगल जिसमें एशियाई शेर रहते हैं में वन आवरण का आकलन किया गया।
वन क्षेत्र (आवरण) में अधिकतम बढ़ोतरी
- आंध्र प्रदेश (647 वर्ग किमी)
- तेलंगाना (632 वर्ग किमी)
- ओडिशा (537 वर्ग किमी)
क्षेत्रफल के हिसाब से सबसे बड़ा वन क्षेत्र
- मध्य प्रदेश
- अरुणाचल प्रदेश
- छत्तीसगढ़
- ओडिशा
- महाराष्ट्र
कुल भौगोलिक क्षेत्र के प्रतिशत के रूप में वन आवरण के मामले में
- मिजोरम (84.53%)
- अरुणाचल प्रदेश (79.33%)
- मेघालय (76.00%)
- मणिपुर (74.34%)
- नगालैंड (73.90%)
देश में कुल मैंग्रोव क्षेत्र 4,992 वर्ग किमी है। 2019 के पिछले आकलन की तुलना में मैंग्रोव क्षेत्र में 17 वर्ग किलोमीटर की वृद्धि पाई गई है। मैंग्रोव क्षेत्र में वृद्धि दिखाने वाले शीर्ष तीन राज्य :
- ओडिशा (8 वर्ग किमी)
- महाराष्ट्र (4 वर्ग किमी)
- कर्नाटक (3 वर्ग किमी)
विशेष :
वर्ष 2011-2021 के मध्य बाघ गलियारों में वन क्षेत्र में 37.15 वर्ग किलोमीटर (0.32%) की वृद्धि हुई है, परंतु बाघ अभयारण्यों में 22.6 वर्ग किलोमीटर (0.04%) की कमी आई।
इन 10 वर्षों में 20 बाघ अभयारण्यों में वनावरण में वृद्धि हुई है, साथ ही 32 बाघ अभयारण्यों के वनावरण क्षेत्र में कमी आई।
बक्सा (पश्चिम बंगाल), अनामलाई (तमिलनाडु) और इंद्रावती रिज़र्व (छत्तीसगढ़) के वन क्षेत्र में वृद्धि देखी गई है जबकि कवल (तेलंगाना), भद्रा (कर्नाटक) और सुंदरबन रिज़र्व (पश्चिम बंगाल) में कमी हुई।
अरुणाचल प्रदेश के पक्के टाइगर रिज़र्व में सबसे अधिक लगभग 97% वन आवरण है।
प्राकृतिक वनों में गिरावट दर्ज की गई है जो कि एक चिंता का विषय है :
मध्यम घने जंगलों या ‘प्राकृतिक वन’ में 1,582 वर्ग किलोमीटर की गिरावट आई है। यह गिरावट खुले वन क्षेत्रों में 2,621 वर्ग किलोमीटर की वृद्धि के साथ-साथ देश में वनों के क्षरण को दर्शाती है। साथ ही झाड़ी क्षेत्र में 5,320 वर्ग किलोमीटर की वृद्धि हुई है, जो इस क्षेत्र में वनों के पूर्ण क्षरण को दर्शाता है।
अन्य तथ्य :
- अक्तूबर, 2021 में भारत के वन शासन में महत्त्वपूर्ण परिवर्तन लाने के लिये MoEFCC द्वारा वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 में एक संशोधन प्रस्तावित किया गया था।
- देश के जंगल में कुल कार्बन स्टॉक 79.4 मिलियन टन की बढ़ोतरी के साथ 7,204 मिलियन टन होने का अनुमान है।
- वर्ष 2019 में वनों में मौजूद बाँस की संख्या 13,882 मिलियन से बढ़कर वर्ष 2021 में 53,336 मिलियन हो गई है।