भारतीय संविधान में जनकल्याणकारी राज्य (वेलफेयर स्टेट) की स्थापना के उद्देश्य के लिए "नीति निर्देशक तत्वों" को रखा गया है। इसे आयरलैंड के संविधान से लिया गया था। इसे संविधान की आत्मा तथा चेतना कहा गया है। ये राज्य के लिये ऐसे सामान्य निर्देश है जो राज्य की जनता के लिये लाभदायक हो। परंतु, इन्हें किसी न्यायालय मे लागू नही करवाये जा सकते, यह तत्व वैधानिक न होकर राजनैतिक स्वरूप रखते है। इन्हें लागू करने के लिए सरकारों को बाध्य नहीं किया जा सकता है।
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 36 से 51 (भाग 3 -भाग 4) तक राज्य के नीति निर्देशक तत्वों का उल्लेख किया गया है।
राज्य के नीति निर्देशक तत्व :
36 - परिभाषा का वर्णन किया गया है
37 - इस भाग में अंतर्विष्ट तत्वों का लागू होना अनिवार्य है
38 - राज्य लोक कल्याण की अभिवृद्धि के लिए सामाजिक व्यवस्था बनाएगा
39 - राज्य द्वारा अनुसरणीय कुछ नीति तत्व
39क - समान न्याय और नि:शुल्क विधिक सहायता 42वें संविधान संशोधन, 1976 के द्वारा पूर्ण किया गया।
40 - ग्राम पंचायतों का संगठन ( 73 वें संविधान संशोधन, 1993 के द्वारा पूर्ण किया गया।)
41 - कुछ दशाओं में काम, शिक्षा और लोक सहायता पाने का अधिकार
42 - काम की न्यायसंगत और मानवोचित दशाओं का तथा प्रसूति सहायता का उपबंध
43 - कर्मकारों के लिए निर्वाह मजदूरी आदि
43क - उद्योगों के प्रबंध में कार्मकारों का भाग लेना
43ख - सहकारी समितियों के स्वैच्छिक स्थापना, स्वायत्त कामकाज, लोकतांत्रिक नियंत्रण एवं व्यावसायिक प्रबंधन को प्रोत्साहन देने का प्रयास ( 97वें संविधान संशोधन से पूर्ण किया गया।)
44 - नागरिकों के लिए एक समान नागरिक संहिता
45 - बालकों के लिए नि:शुल्क और अनिवार्य शिक्षा। 86वें संशोधन अधिनियम, 2002 द्वारा इसे पूर्ण किया गया था।
46 - अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा अन्य दुर्बल वर्गों के शिक्षा और अर्थ संबंधी हितों की अभिवृद्धि
47 - पोषाहार स्तर और जीवन स्तर को ऊंचा करने तथा लोक स्वास्थ्य को सुधार करने का राज्य का कर्तव्य
48 - कृषि और पशुपालन का संगठन। गायों और बछड़ों और अन्य दुधारू और भारोत्तोलक मवेशियों की नस्लों के संरक्षण और सुधार और वध पर रोक लगाने के लिए कदम उठाने की बात कही गयी है।
48क - पर्यावरण का संरक्षण और संवर्धन और वन तथा वन्य जीवों की रक्षा करना। वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972, वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 और पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986। जल और वायु प्रदूषण नियंत्रण अधिनियमों ने वर्ष 1974 को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की स्थापना के लिये प्रावधान किया है।
49 - राष्ट्रीय महत्व के संस्मारकों, स्थानों और वस्तुओं का संरक्षण देना
50 - कार्यपालिका से न्यायपालिका का पृथक्करण
51 - अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा की अभिवृद्धि
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