भारत के पहले प्रिंटिंग प्रेस और समाचार पत्र की कहानी -Story Of India's First Printing Press and News Paper

भारत में वर्तमान रजिस्टर्ड प्रकाशनों की संख्या लगभग  1,10,851 (31 मार्च 2016 तक) है। परंतु इसकी सुरुआत 16 वीं शताब्दी में हुई। भारत में पहला प्रिंटिंग प्रेस वर्ष 1556 में ओल्ड गोवा के जेसुइट सेंट पॉल कॉलेज में स्थापित की गई। इस प्रेस पर छपने वाली पहली किताब 'कैटिसमो दा डौट्रिना क्रिस्टो' थी। इसके साथ ही भारत में प्रिंटिंग का कार्य प्रारंभ हो गया। गोवा के बाद मुम्बई में वर्ष 1674-75 और फिर सूरत में वर्ष 1675 में प्रिंटिंग प्रेस की स्थापना की गई। परंतु समाचार पत्र की छपाई सुरु होने में और 100 वर्ष लग गए।

वर्ष 1605 में बेल्जियम में दुनिया का पहला मुद्रित साप्ताहिक समाचार पत्र "Relation" छपना सुरु हुआ परंतु भारत में एक समाचार पत्र शुरू करने का पहला प्रयास वर्ष 1776 में विलियम बोल्ट (William Bolts) द्वारा कलकत्ता में किया गया था, परंतु इस प्रयास को तत्कालीन कंपनी शासन में पूरा होने नहीं दिया। उन्हें डर था कि कहीं कंपनी के काले कारनामो के बारे में दुनिया को पता न चल जाये, इस वजह से उन्हें बंगाल छोड़कर मद्रास जाने और वहां से यूरोप जाने के लिए जाने का निर्देश दिया गया था। अगले बारह वर्षों तक, बोल्ट के जैसे किसी ने प्रयास नहीं किया। 

वर्ष 1780 में, जेम्स ऑगस्टस हिक्की (James Augustus Hicky) ने बंगाल गजट या कलकत्ता जनरल एडवरटाइजर की शुरुआत की। यह भारत और एशिया का पहला समाचार पत्र था। 29 जनवरी, 1780 को इसके पहले अंक का प्रकाशन हुआ, अंक में उन्होंने माननीय कंपनी के लेट मुद्रक के रूप में अपना परिचय दिया'। Hicky's Gazette कंपनी के कर्मचारियों के निजी जीवन को उजागर किया है। इसने जल्द ही हिक्की को मुश्किल में डाल दिया।


प्रतिस्पर्धा (Competition) :

Hicky's Gazette कंपनी और गवर्नर जनरल वारेन हेस्टिंग्स के प्रशासन का कड़ा आलोचक था। इससे निपटने के लिए, ब्रिटिश भारत की राजधानी कोलकाता में 18 नवंबर, 1780 को ईस्ट इंडिया कंपनी के दो कर्मचारियों बर्नार्ड मेसिंक  (B Messink) और पीटर रीड (Peter Reed) द्वारा साप्ताहिक समाचार पत्र The India Gazette या Calcutta Public Advertiser स्थापित किया गया।


विवाद (Controversy) :

हिक्की ने ईस्ट इंडिया कंपनी के एक कर्मचारी, शिमोन ड्रोज़ और वॉरेन हेस्टिंग्स की पत्नी मैरियन हेस्टिंग्स पर आरोप लगाया कि उनके द्वारा रिश्वत लेने से इनकार करने की वजह से कंपनी के द्वारा प्रतिद्वंद्वी समाचार पत्र इंडिया गजट का समर्थन किया गया।

हिक्की के आरोप के प्रतिशोध में, हेस्टिंग्स की सर्वोच्च परिषद ने हिक्की को डाक के माध्यम से समाचार पत्र मेल करने पर प्रतिबंध लगा दिया। जिस वजह से हिक्की ने अपने अखबार के नाम बदल कर Original Calcutta General Advertiser कर दिया।

स्वीडिश लूथरन मिशनरी जॉन जकर्याह किरनान्डर ने हिक्की पर मानहानि का मुकदमा दायर कर दिया। जून, 1781 में सुप्रीम कोर्ट ने हिक्की को दोषी पाया और उसे जेल की सजा सुनाई। हिकी ने जेल से ही अखबार का प्रकाशन जारी रखा। हेस्टिंग्स ने हिक्की खिलाफ नए मुकदमे शुरू किए, जिस वजह से 30 मार्च 1782 को हिक्की के बंगाल गजट का प्रकाशन बंद हो गया। सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार जब्त कर प्रिंटिंग प्रेस को सार्वजनिक रूप से नीलाम किया गया जिसे इंडिया गजट ने खरीद लिया, और इस प्रकार पहले भारत के पहले समाचार पत्र का अस्तित्व समाप्त हो गया।


नोट:

टाइम्स ऑफ इंडिया भारत का दूसरा सबसे पुराना अंग्रेजी भाषा का समाचार पत्र है जो अभी भी प्रिंट हो रहा है, इसकी शुरुआत वर्ष 1838 में हुई थी।