अंग्रेजों के द्वारा आदिवासियों और जनजातियों को ही अपराधी घोषित करने के लिए आपराधिक जनजाति अधिनियम, 1871 लाया गया था। इसे 12, अक्टूबर 1871 को अधिनियमित किया गया। इस अधिनियम के तहत, भारत की कई जनजातियों को "आदतन अपराधी" घोषित कर दिया गया।
आपराधिक जनजाति अधिनियम 1871, इसे उत्तर भारत में लागू किया गया था। इस अधिनियम को 1876 में बंगाल प्रेसीडेंसी और अन्य क्षेत्रों में विस्तारित किया गया था। वर्ष 1911 में "आपराधिक जनजाति अधिनियम 1911" के साथ मद्रास प्रेसीडेंसी तक इसे लागू कर दिया गया। अधिनियम अगले दशक में कई संशोधनों के माध्यम से चला गया, और आखिरकार, आपराधिक जनजाति अधिनियम 1924 ने उन सभी को शामिल किया।
विमुक्ति दिवस :
31 अगस्त 1952 को "आपराधिक जनजाति अधिनियम" को खत्म कर दिया गया। इसीलिए इन जनजाति के लोगों ने 31 अगस्त को 'विमुक्ति दिवस' के रूप में मनाना शुरू कर दिया।
Read – Criminal Tribes Act, 1871