प्रतीकात्मक तस्वीर |
- भोट, बोढ़
- गद्दी - अधिकांश लोग चरवाहे हैं। ये हिन्दू धर्म को मानते है। गद्दी राजपूत लाहौर से आकर यहां बसे है। इनके मुख्य देवता शिव है। कैलांग में रहने वाले गद्दी जनजाति के मुख्य देवता दराती देवता है।
- गुज्जर - खेती और पशुपालन का कार्य करते हैं।
- जाद, लाम्बा, खम्पा
- कनौरा, किन्नारा - ये मुख्यतः कृषक है यह लोग बौद्ध धर्म को मानते हैं। ये जन्म से मृत्यु तक के संस्कारों में लामा की सहायता लेते हैं। इनमें बहुपति प्रथा प्रचलित है।
- बेटा, बेडा
- डोम्बा, गारा, जोबा
- लाहौला - मूल रूप से यह आदिवासी समूह बौद्ध धर्म का अनुयायी है।
- पंगवाला - मुख्यतः हिन्दू है, इनकी भाषा पंगवाली है। यह लोग खास आयोजनो में मदिरे(शराब) का सेवन करते हैं जो कि खुद तैयार करते है।
- स्वांगला
- हाटी
- हट्टी - सितंबर 2022 को जोड़ा गया।
हाटी समुदाय 1967 से जनजातीय दर्जा देने की मांग करता आ रहा था। 14 सितंबर, 2022 को केंद्र सरकार ने हाटी समुदाय को संविधान की धारा 342 के अंतर्गत अधिसूचित अनुसूचित जनजाति समूह सूची में सम्मिलित किया गया है।
हाटी को मिला कर हिमाचल प्रदेश में कुल जनजाति समूहों की संख्या 11 हो गयी।
साक्षरता
वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार -
पुरुष : 82.80
महिला : 89.53
कुल : 75.93
सर्वाधिक शिक्षित जनजाति किन्नौर (70.96 प्रतिशत) वहीं सर्वाधिक शिक्षित महिला जनजाति स्पिति (87.37 प्रतिशत) है।