NISAR मिशन क्या है ?


NISAR मिशन भारतीय आंतरिक कार्यक्रम के लिए एक मिल का पत्थर है। इस मिशन के तहत अपनी तरह का पहला सेटेलाइ है जिसमे उपस्थित राडार होगा जो दो अलग-अलग राडार आवृत्तियों (L-Band और S-Band) का उपयोग करके हमारे ग्रह की सतह का व्यवस्थित रूप से पृथ्वी का मानचित्रण करने में सक्षम है।

NASA-ISRO Synthetic Aperture Radar (NISAR) मिशन यूनाइटेड स्टेट्स की NASA और भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ISRO का सामूहिक मिशन है। दोनों अंतरिक्ष संगठनों के मध्य हुए समझौते की शर्तों के अनुसार, NASA मिशन के एल-बैंड सिंथेटिक एपर्चर रडार (SAR), वैज्ञानिक डेटा जीपीएस रिसीवर, एक सॉलिड-स्टेट रिकॉर्डर और एक पेलोड डेटा सबसिस्टम के लिए एक उच्च-दर दूरसंचार सबसिस्टम उपलब्ध कराएगा। इसरो उपग्रह बस, एस-बैंड सिंथेटिक एपर्चर रडार, प्रक्षेपण यान और संबंधित प्रक्षेपण सेवाएं उपलब्ध कराएगा।

इस मिशन में पृथ्वी के बायोमास, प्राकृतिक खतरों, समुद्र के स्तर में वृद्धि और भूजल के बारे में जानकारी, पृथ्वी के बदलते पारिस्थितिक तंत्र और बर्फ के द्रव्यमान को मापेगा।


प्रक्षेपण कब होगा ( Launch Date ) ? :

उपग्रह को 2024 की पहली तिमाही में जीएसएलवी के माध्यम से भारत से सूर्य-समकालिक में प्रक्षेपित किया जाएगा। जिसकी नियोजित मिशन जीवन तीन वर्ष है।