हिन्दू / सनातन धर्म में मंदिरों का काफी महत्व रहा है। परंतु मुस्लिम एवं अन्य आक्रमणकारियों ने बहुत से मंदिरों को तोड़ दिया जिस वजह से बहुत से प्राचीन मंदिरों का अस्तित्व ही खत्म हो गया या उनका पुनः निर्माण किया गया है। जिस वजह से यह पता लगाना मुश्किल है कि भारत का सबसे प्राचीन मंदिर कौन सा रहा होगा।
वर्तमान में स्थित प्राचीन मंदिरों की बात करें तो पुरातात्विक सबूतों के आधार पर भारत एवं सम्पूर्ण विश्व में मुंडेश्वरी देवी ( Mundeshwari Devi Temple) का मंदिर सबसे प्राचीन हिन्दू मंदिर माना जाता है जिसका निर्माण 108 ईस्वी में हुआ था। निर्माण के बाद से ही इस मंदिर में पूजा हो रही है जिस वजह से मुंडेश्वरी देवी मंदिर को भारत का सबसे पुराना कार्यात्मक मंदिर (oldest Functional Temple) माना जाता है।
मुंडेश्वरी देवी का मंदिर बिहार के कैमूर जिले के भगवानपुर में पवरा पहाड़ी पर 608 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। इसकी स्थापना 108 ईस्वी में कुषाण शासक हुविश्क के शासनकाल में हुई थी। यह शिव और पार्वती को समर्पित मंदिर है। मंदिर के मध्य भाग में चार मुख वाली शिवलिंग स्थापित है। यह मंदिर अपने अष्टकोणीय बनावट के लिए जानी जाती है।
7 वीं शताब्दी के बाद शक्तिशाली आदिवासी जनजाति और कैमूर पहाड़ियों के मूल निवासी चेर सत्ता में आए। चेर शक्ति के उपासक थे, जिसे महेशमर्दिनी और दुर्गा के नाम से भी जाना जाता है। उन्होंने मंदिर में मुंडेश्वरी को मंदिर स्थापित किया। हालाँकि, मुख्य लिंग मंदिर में केंद्र स्थित था; इसलिए, दुर्गा की मूर्ति को मंदिर की एक दीवार के साथ स्थापित किया गया था, जहां वह आज भी स्थित है। इस वजह से शिव को समर्पित मंदिर मुंडेश्वरी देवी के नाम से जानी जाती है।
यहां पहाड़ी के मलबे के अंदर गणेश और शिव सहित अनेक देवी-देवताओं की मूर्तियां भी पाई गई। यहां खुदाई के क्रम में मंदिरों के समूह भी मिले हैं। यहां से प्राप्त अन्य मंदिरों को पटना संग्रहालय में रखा गया है।