4/05/2023

राइट टू हेल्थ बिल (राजस्थान) क्या होता है? आसान भाषा में. Right to Health Bill


राजस्थान सरकार के द्वारा राज्य के सभी नागरिकों को समान स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य के साथ 23 मार्च, 2023 को राइट टू हेल्थ बिल लाया गया। परंतु, राजस्थान के प्राइवेट अस्पताल इस बिल का विरोध करने लगे। तो आइए जानते है कि इस बिल में ऐसा क्या ? राइट टू हेल्थ बिल का विरोध क्यों किया जा रहा है?


राइट टू हेल्थ बिल की खास बात है कि इसे सरकारी के साथ ही प्राइवेट हॉस्पिटल्स और छोटे सेंटर्स पर भी लागू किया जाएगा। राइट टू हेल्थ बिल के अंतर्गत यह प्रावधान किया गया है कि कोई भी डॉक्टर या हॉस्पिटल किसी मरीज को इलाज के लिए इनकार नहीं कर सकता है। यहाँ तक कि इमरजेंसी के मामलो में यदि मरीज के परिजन फीस नहीं दे पाते हैं तो भी डॉक्टर को मरीज का इलाज करना होगा। 


यदि मरीज का परिवार फीस देने में असमर्थ है तो ऐसी स्थिति में रकम सरकार के द्वारा दी जाएगी। इसके अलावा यह मरीज को किसी और हॉस्पिटल में भी शिफ्ट किया जा सकता है। इसके अलावा दुर्घटना में घायल मरीज को अस्पताल पहुंचाए जाने वालों को 5 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि देने का भी प्रावधान है।


अगर कोई डॉक्टर या हॉस्पिटल मरीज का इलाज करने के लिए मना करता है। तो पहली बार में ही 10 हजार रुपए का जुर्माना देना होगा। लेकिन यदि ऐसा दूसरी बार किया जाता है तो जुर्माने की रकम25 हजार तक हो जाएगा।


इस बिल के अंतर्गत क्या-क्या अधिकार दिए गए है ?

  • सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्थानों में मुफ्त आउटडोर और इनडोर रोगी विभाग सेवाओं, दवाओं और निदान का लाभ उठाना।
  • सभी स्वास्थ्य देखभाल प्रदाताओं पर आपातकालीन उपचार और देखभाल, बिना किसी देरी के पूर्व भुगतान या पुलिस की मंजूरी के लिए प्रतीक्षा करना।
  • बीमारी की प्रकृति और कारण, परिणाम, जटिलताओं और उपचार की लागत, और पहुंच संबंधी रिकॉर्ड के बारे में जानकारी प्राप्त करें। 
  • विशिष्ट परीक्षणों या उपचारों से पहले सूचित सहमति।
  • सभी स्वास्थ्य देखभाल प्रतिष्ठानों में उपचार में गोपनीयता और गोपनीयता।
  • रेफरल ट्रांसपोर्ट।
  • सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य देखभाल।
  • शिकायत निवारण।