जैसा कि हम जानते है कि भारत में 22 अनुसूचित भाषाएं है जिन्हें संविधान की 8 वीं अनुसूची में रखा गया है। इन्ही अनुसूचित भाषाओं में से कुछ भाषाओं को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिया गया है।
शास्त्रीय भाषा होता क्या है ?
फरवरी 2014 में भारत के संस्कृति मंत्रालय (Ministry of Culture) द्वारा किसी भाषा को "शास्त्रीय" भाषा का दर्जा देने के लिये निम्नलिखित दिशा निर्देश जारी किये-
- इसके प्रारंभिक ग्रंथों का इतिहास 1500-2000 वर्ष से अधिक पुराना हो
- प्राचीन साहित्य/ग्रंथों का एक हिस्सा हो जिसे बोलने वाले लोगों की पीढ़ियों द्वारा एक मूल्यवान विरासत माना जाता हो।
- साहित्यिक परंपरा में मौलिकता हो।
- शास्त्रीय भाषा और साहित्य, आधुनिक भाषा और साहित्य से भिन्न हैं इसलिये इसके बाद के रूपों के बीच असमानता भी हो सकती है।
भारत में कितनी शास्त्रीय भाषा है ?
वर्तमान में 11 भाषाओं को "शास्त्रीय" भाषा का दर्जा प्राप्त है:
- तमिल (2004 में घोषित)
- संस्कृत (2005)
- कन्नड़ (2008)
- तेलुगु (2008)
- मलयालम (2013)
- ओडिया (2014)
- मराठी
- बंगाली
- पाली
- प्राकृत
- असमिया
सभी शास्त्रीय भाषाओं को संविधान की आठवीं अनुसूची में सूचीबद्ध किया गया है।
Update : केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 3/10/2024 को पांच और भाषाओं - मराठी, बंगाली, पाली, प्राकृत और असमिया को 'शास्त्रीय भाषा' का दर्जा देने को मंजूरी दे दी। इस फैसले के बाद, शास्त्रीय (classical) भाषा का दर्जा प्राप्त भाषाओं की संख्या 11 हो गई है।