आजाद भारत का पहला पहला दंगा - First Riot of Independent india


आजादी से पहले और आजाद भारत में दंगो का लंबा इतिहास रहा है। परंतु आजादी के बाद हुए दंगो को बारे ज्यादा बाते होती है। जैसे कि भागलपुर दंगे, 1984 दंगे, 2002 में गोधरा कांड के बाद हुए गुजरात दंगे। परंतु क्या आप जानते है कि आजादी के बाद भारत में पहली बार दंगे कब और कहां हुए ? 

आजाद भारत का पहला दंगा वर्तमान महाराष्ट्र में हुए थे। महात्मा गांधी की मृत्यु के बाद वर्ष 1948 के महाराष्ट्र ब्राह्मण विरोधी दंगे हुए थे। परंतु आजाद भारत के इतिहास से ये स्याह हिस्सा नजरअंदाज कर दिया गया। 

नाथूराम गोडसे पुणे (आज के महाराष्ट्र) में जन्मे थे और हिन्दू धर्म के चितपावन ब्राह्मण जाति से ताल्लुक रखते थे। इसी को मोहरा बना कर तत्कालीन सत्तारूढ़ दल और कॉन्ग्रेस हाईकमान के इशारे पर पूरे राज्य में निवास करने वाले चितपावन ब्राह्मणों का क़त्ल किया गया। 31 जनवरी से लेकर 3 फरवरी तक पुणे में ब्राह्मणों के खिलाफ हिंसा का ज़बरदस्त नंगा नाच चला। देखते ही देखते हिंसा की यह चिंगारी जंगल की आग की तरह चितपावन ब्राह्मणों की बहुतायत वाले इलाको में फ़ैल गई। इनमें सांगली, कोल्हापुर, सातारा शामिल हैं जहाँ सैंकड़ों लोग मारे गए, हज़ारों घरों को आग के हवाले कर दिया गया, स्त्रियों के साथ बलात्कार हुए ।


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Ek badnam shahid





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