11/20/2018

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) की महत्वपूर्ण उपलब्धियां


  • 1962: परमाणु ऊर्जा विभाग द्वारा अंतरिक्ष अनुसंधान के लिये एक राष्ट्रीय समिति का गठन और त्रिवेन्द्रम के समीप थुम्बा में राकेट प्रक्षेपण स्थल के विकास की दिशा में पहला प्रयास प्रारंभ।
  • 21 नवम्बर 1963: थुंबा से पहले राकेट( Nike Apache, a two stage US sounding rocket) का प्रक्षेपण किया गया ।
  • 1965: थुंबा में अंतरिक्ष विज्ञान एवं तकनीकी केन्द्र की स्थापना।
  • 1967: अहमदाबाद में उपग्रह संचार प्रणाली केन्द्र की स्थापना।
  • 20 नवम्बर 1967 : पहली स्वदेशी रॉकेट रोहिणी-75 का प्रक्षेपण किया गया।
  • 2 फरवरी 1968 : थुम्बा इक्वेटोरियल रॉकेट लॉन्चिंग स्टेशन को संयुक्त राष्ट्र संघ को समर्पित कर दिया गया।
  • 1972: अंतरिक्ष आयोग एवं अंतरिक्ष विभाग की स्थापना।
  • 19 अप्रैल 1975: पहले भारतीय उपग्रह आर्यभट्ट का प्रक्षेपण।
  • 1976: उपग्रह के माध्यम से पहली बार शिक्षा देने के लिये प्रायोगिक कदम।
  • 7 जून 1979: एक प्रायोगिक उपग्रह भास्कर - 1 का प्रक्षेपण। रोहिणी उपग्रह का पहले प्रायोगिक परीक्षण यान एस एल वी-3 की सहायता से प्रक्षेपण असफल।
  • 1980: एस एल वी-3 की सहायता से रोहिणी उपग्रह का सफलतापूर्वक कक्षा में स्थापन।
  • 19 जून 1981: 'एप्पल' नामक भूवैज्ञानिक संचार उपग्रह का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण। यह भारत का पहला संचार उपग्रह था। नवंबर में भास्कर - 2 का प्रक्षेपण।
  • 1982: इन्सैट-1A का अप्रैल में प्रक्षेपण और सितंबर अक्रियकरण।
  • 1983: एस एल वी-3 का दूसरा प्रक्षेपण। आर एस - डी2 की कक्षा में स्थापना। इन्सैट-1B का प्रक्षेपण।
  • 1984: भारत और सोवियत संघ द्वारा संयुक्त अंतरिक्ष अभियान में राकेश शर्मा का पहला भारतीय अंतरिक्ष यात्री बनना।
  • 1987: ए एस एल वी का SROSS-1 उपग्रह के साथ प्रक्षेपण।
  • 1988: भारत का पहला दूर संवेदी उपग्रह आई आर एस-1A का प्रक्षेपण. इन्सैट-1C का जुलाई में प्रक्षेपण। नवंबर में परित्याग।
  • 1990: इन्सैट-1D का सफल प्रक्षेपण।
  • 1991: अगस्त में दूसरा दूर संवेदी उपग्रह आई आर एस एस-1B का प्रक्षेपण।
  • 1992: SROCC-C के साथ ए एस एल वी द्वारा तीसरा प्रक्षेपण मई महीने में। पूरी तरह स्वेदेशी तकनीक से बने उपग्रह इन्सैट-2A का सफल प्रक्षेपण।
  • 1993: इन्सैट-2B का जुलाईमहीने में सफल प्रक्षेपण। पी एस एल वी द्वारा दूर संवेदी उपग्रह आई आर एस एस-1E का दुर्घटनाग्रस्त होना।
  • 1994: मईमहीने में एस एस एल वी का चौथा सफल प्रक्षेपण।
  • 1995: दिसंबर महीने में इन्सैट-2C का प्रक्षेपण। तीसरे दूर संवेदी उपग्रह का सफल प्रक्षेपण।
  • 1996: तीसरे भारतीय दूर संवेदी उपग्रह आई आर एस एस-P3 का पी एस एल वी की सहायता से मार्च महीने में सफल प्रक्षेपण।
  • 1997: जून महीने में प्रक्षेपित इन्सैट-2D का अक्टूबर महीने में खराब होना। सितंबर महीने में पी एस एल वी की सहायता से भारतीय दूर संवेदी उपग्रह आई आर एस एस-1D का सफल प्रक्षेपण।
  • 1999: इन्सैट-2E इन्सैट-2 क्रम के आखिरी उपग्रह का फ्रांस से सफल प्रक्षेपण। भारतीय दूर संवेदी उपग्रह आई आर एस एस-P4 श्रीहरिकोटा परिक्षण केन्द्र से सफल प्रक्षेपण। पहली बार भारत से विदेशी उपग्रहों का प्रक्षेपण : दक्षिण कोरिया के किटसैट-3 और जर्मनी के डी सी आर-टूबसैट का सफल परीक्षण।
  • 22 मार्च 2000: इन्सैट-3B का सफल प्रक्षेपण।
  • 2001: जी एस एल वी-D1, का प्रक्षेपण आंशिक सफल।
  • 2002: जनवरी महीने में इन्सैट-3C का सफल प्रक्षेपण। पी एस एल वी-C4 द्वारा कल्पना-1 का सितंबर में सफल प्रक्षेपण।
  • 2004: जी एस एल वी एड्यूसैट का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण।
  • 22 अक्टूबर 2005: ISRO के द्वारा चन्द्रयान का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया गया।
  • 5 नवंबर 2013: मंगलयान का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया गया।
  • 14 सितंबर 2014: मंगलयान (प्रक्षेपण के  298 दिन बाद) मंगल की कक्षा में स्थापित, भूस्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान (जीएसएलवी-डी5) का सफल प्रक्षेपण (5 जनवरी 2014), आईआरएनएसएस-1बी (04 अप्रैल 2014) व 1 सी(16 अक्‍टूबर 2014) का सफल प्रक्षेपण, जीएसएलवी एमके-3 की सफल पहली प्रायोगिक उड़ान(18 दिसंबर 2014)।
  • 29 सितंबर 2015: खगोलीय शोध को समर्पित भारत की पहली वेधशाला एस्ट्रोसैट का सफल प्रक्षेपण किया।
  • 23 मई 2016: भारत में बना अपना पहला पुनर्प्रयोज्य अंतरिक्ष शटल ( Reusable Launch Vehicle-Technology Demonstrator (RLV-TD) ) का परीक्षण श्रीहरिकोटा से किया।
  • 22 जून 2016: पीएसएलवी सी-34 के माध्यम से रिकॉर्ड २० उपग्रह एक साथ छोड़े गए।
  • 28 अगस्त 2016: वायुमंडल प्रणोदन प्रणाली वाला स्‍क्रेमजेट इंजन का पहला प्रायोगिक परीक्षण सफल।
  • 8 सितंबर 2016: स्वदेश में विकसित क्रायोजेनिक अपर स्टेज(सीयूएस) का पहली बार प्रयोग करते हुए जीएसएलवी-एफ05 की सफल उड़ान के साथ इनसैट-3डीआर अंतरिक्ष में स्थापित।
  • 15 फरवरी 2017 - एक साथ 104 उपग्रह प्रक्षेपित करके विश्व कीर्तिमान बनाया। PSLV-C37/Cartosat2 शृंखला उपग्रह मिशन में कार्टोसैट-2 के अलावा 101 अन्तरराष्ट्रीय लघु-उपग्रह (नैनो-सैटेलाइट) और दो भारतीय लघु-उपग्रह INS-1A तथा INS-1B थे।
  • 23 जून 2017 - इसरो ने 31 उपग्रह लॉन्च किए, जिसमें से 29 विदेशी थे। 
  • 12 जनवरी 2018 - फिर 31 उपग्रह लॉन्च किए, जिनमें 28 विदेशी थे। 
  • 29 नवंबर 2018 - तीसरी बार 31 उपग्रह लॉन्च किए, 30 विदेशी सैटेलाइट थे। ISRO देश का प्रथम हाइपरस्पेक्ट्रल इमेजिंग सैटेलाइट (हाइसइस) सैटेलाइट भी इस रॉकेट लॉन्च किया।
  • 27 नवंबर 2019 - कार्टोसैट-3 (Cartosat-3) को सफलतापूर्वक लॉन्च किया।
  • 07 नवंबर 2020 - भारत के अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट (EOS01) को प्रक्षेपित किया।भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO)  ने 8 अगस्त, 2022 को 9 बजकर 18 मिनट पर अपने पहले छोटे कमर्शियल राकेट 'स्माल सैटेलाइट लांच व्हीकल' को SSLV-D1 लांच किया।
  • 4 सितंबर 2022,  ISRO ने ‘इन्फ्लेटेबल एरोडायनामिक डिसेलेरेटर’ (आईएडी) टेक्नोलॉजी का सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया।
  • चंद्रयान-3 - यह भारत के चंद्रयान कार्यक्रम का तीसरा मिशन है, 14 जुलाई 2023 को लॉन्च किए गए इस मिशन में विक्रम नामक एक चंद्र लैंडर और प्रज्ञान नामक एक चंद्र रोवर शामिल है। यह चंद्रमा चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव पर 23 अगस्त, 2023 को उतरा। भारत दक्षिण ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला पहला देश बन गया।
  • आदित्य-1 - यह सूर्य के अवलोकन के लिए समर्पित पहला भारतीय मिशन है। इसे 2 सितंबर 2023 को PSLV C57 से लॉन्च किया गया था।

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