10 वी शताब्दी में पांडु वंश की एक शाखा सोम वंश के नाम से दक्षिण कौशल पर शासन किया।
शिवगुप्त इस वंश का प्रतापी शासक हुआ। परंतु महाभाव गुप्त महानतम शासक हुआ। जिसे जन्मेजय के नाम से व जाना जाता है।
महाभवगुप्त जन्मेजय ने कौशल, कलिंग तथा उत्कल को जीतकर त्रिलिंगधिपति की उपाधि धारण की।
सोम वंश के शासन काल मे दक्षिण के राजा राजेन्द्र चोल ने इस क्षेत्र पर आक्रमण किया।
पतन:
11 वीं शताब्दी में तुम्माण के कल्चुरी शासको एवं उड़ीसा के अन्नतवर्मन चोटगंग द्वारा सोमवंश के शासकों को परास्त कर उनके क्षेत्र पर अधिकार कर लिया।सोम वंश की ही एक शाखा 11 वी शाताब्दी से कांकेर मे शासन किया।
>> कांकेर के सोम वंश ।
शिवगुप्त इस वंश का प्रतापी शासक हुआ। परंतु महाभाव गुप्त महानतम शासक हुआ। जिसे जन्मेजय के नाम से व जाना जाता है।
महाभवगुप्त जन्मेजय ने कौशल, कलिंग तथा उत्कल को जीतकर त्रिलिंगधिपति की उपाधि धारण की।
सोम वंश के शासन काल मे दक्षिण के राजा राजेन्द्र चोल ने इस क्षेत्र पर आक्रमण किया।
पतन:
11 वीं शताब्दी में तुम्माण के कल्चुरी शासको एवं उड़ीसा के अन्नतवर्मन चोटगंग द्वारा सोमवंश के शासकों को परास्त कर उनके क्षेत्र पर अधिकार कर लिया।सोम वंश की ही एक शाखा 11 वी शाताब्दी से कांकेर मे शासन किया।
>> कांकेर के सोम वंश ।