7/31/2018

भारतीय राष्ट्रीय नागरिक पंजी (NRC) क्या है ?


राष्ट्रीय नागरिक पंजी (NRC) में असम में रहने वाले भारतीय नागरिकों के नाम हैं। इस पंजी को वर्ष 1951 की जनगणना के दौरान वर्णित सभी व्यक्तियों के विवरणों के आधार पर 1951 में तैयार किया गया था। इस पंजी के अनुसार, बांग्लादेश बनने के पहले (25 मार्च 1971 के पहले) जो लोग असम में आए है, केवल उन्हें ही भारत का नागरिक माना जाएगा।

असम में नागरिक पंजी को आखिरी बार द्यतन वर्ष 1951 में किया गया था। उस समय असम में कुल 80 लाख नागरिकों के नाम प्ंजीकृत किए गये थे।

NRC के तहत, बांग्लादेश बनने से पहले 25 मार्च 1971 से पहले जो लोग असम में आए, उनको भारत का नागरिक माना जाएगा। इसके बाद आने वाले किसी भी व्यक्ति को भारत का नागरिक नहीं माना जाएगा।
 

आंदोलन
अखिल आसाम छात्र संघ (AASU) द्वारा वर्ष 1979 में अवैध आप्रवासियों की पहचान और निर्वासन की मांग हेतु आंदोलन की सुरुवात हुई। यह आंदोलन 6 वर्षो तक चला। 15 अगस्त, 1985 को असम समझौते पर हस्ताक्षर के बाद अखिल असम छात्रसंघ का आन्दोलन शान्त हुआ था।

संस्करण
नागरिक सत्यापन हेतु प्रक्रिया दिसंबर, 2013 में शुरू हुई। मई, 2015 में असम राज्य के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए थे। असम सरकार द्वारा मसौदे का पहला संस्करण 31 दिसंबर, 2017 को पहला संस्करण जारी किया गया।
पहले दौर में 3.29 करोड़ आवेदन प्राप्त हुए थे। इनमें से 1.9 करोड़ लोगों को वैध भारतीय नागरिक माना गया है। शेष 1.39 करोड़ आवेदनों की विभिन्न स्तरों पर जांच जारी थी।

30 जुलाई, 2018 को, एनआरसी की अंतिम सूची जारी की गई। इस दस्तावेज में 40.07 लाख आवेदकों को जगह नहीं मिली है।

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