सेमरसोत अभयारण्य Semarsot Abhyarany


सेमरसोत अभयारण्य छत्तीसगढ़ राज्य के बलरामपुर जिलें में स्थित है। इस अभयारण्य की स्थापन 1978 में की गई थी । इसका क्षेत्रफल 430.361 वर्ग कि. मी. है।

इस अभ्यारण्य का विस्तार  बलरामपुर, राजपुर तथा  प्रतापपुर विकास खंडों में है। अभयारण्य के अधिकांश क्षेत्र में सेमर सोत नदी बहती है इस लिए इसका नाम सेमरसोत पडा। सेमर सोत के अलावा इस अभयारण्य में सेंदुर, चेतना, तथा सासू नदियों का जल प्रवाहित होता है। यहां पर शेर, तेन्दुआ, सांभर, चीतल, नीलगाय, वार्किगडियर, चौसिंहा, चिंकरा, कोटरी जंगली कुत्ता, जंगली सुअर, भालू, मोर, बंदर, भेडियां आदि पाये जाते हैं।

दर्शनीय स्थल:
अभ्यारण के अन्दर पवई जल प्रपात,चीतामाढ़ा गुफा,परेवादाह, गौर उद्यान आदि दर्शनीय स्थल है:-

चीतामाड़ा- यह स्थान अम्बिकापुर से रामानुजगंज पी.डब्लू.डी. मार्ग पर 69/8 कि.मी. स्टोन से लगभग 500 मीटर की दूरी पर सेमरसोत नामक नाला के किनारे स्थित है। इस स्थान के बारे में ग्रामीणों का कहना है कि इस गुफा में कभी चीता वास करता था जिसके चलते इस स्थान का नाम चीता गुफा कहा जाता है। वर्तमान में गुफा का उत्पत्ति चट्टान धसक कर बंद हो चुका है। किन्तु यहां का स्थान नाला के किनारे चट्टानी होने के कारण यहां दूर-दूर से लोग अपने परिवार के साथ पिकनिक का आनंद प्राकृतिक वातावरण में उठाते है।

परेवादाह- यह स्थान भी अंबिकापुर से रामानुजगंज पी.डब्लू.डी. मार्ग पर 72 कि.मी. से लगभग २ कि.मी. अन्दर जंगल में सेन्दूर नदी में स्थित है । यह स्थान बीट कण्डा पिश्चम में स्थित है । यह स्थान चारों तरफ से पहाड़ों से घिरा हुआ है तथा यह स्थान घनघोर जंगल से घिरा एवं गहराई में स्थित है , तथा पूरा नदी का क्षेत्र चट्टानी तथा पानी का दह (गहराई में एकत्रित पानी) होने के कारण यह दर्शनीय एवं पिकनिक स्पाट है । इस स्थान पर वर्षा पूर्व सांसद स्व. श्री लरंग साय जी ने नदी के तट पर बेल वृक्ष होने के कारण उसके नीचे शिवलिंग का स्थापना किए है।

गौर उद्यान- यह स्थान अंबिकापुर से रामानुजगंज पी.डब्लू.डी. मार्ग पर स्थित अमझर नामक स्थान से सीतारामपुर ग्राम जाने वाले वनमाग्र से 14 कि.मी. की दूरी पर स्थित है । यह स्थान कण्डा पर्वत में स्थित है। इस स्थान के बारे में लोगों का कहना है कि पहले यहां गौर रहा करते थे। इस प्रकार यह स्थान दर्शनीय है ।

पवई जल प्रताप- यह प्रपात चनान नदी पर स्थित है। यह प्रपात लगभग 100 से भी ज्यादा ऊंचाई से गिरता है। इस प्रपात को धुआंधार कहा जाता है जब पानी ज्यादा आता है। यह स्थान अभ्यारण्य के बुद्धुडीह बीट में पडता है। इस स्थान तक पहुंचने के लिये बलरामपुर से जमुआटांड ग्राम तक वाहन से जाया जा सकता है। बलरामपुर से इस स्थान की दूरी 18 कि.मी. की है।

तातापानी- यह स्थान अंबिकापुर से रामानुजगंज पी.डब्लू.डी. मार्ग पर स्थित है। यह स्थल अभ्यारण्य से बाहर है । यहां पर प्रचुर मात्रा में गरम पानी का स्रोत है। यहां पर भारत शासन द्वारा बोर किया गया है जिसमें बहुत ही फोर्स से गरम पानी ऊपर आता है। जिसके चलते यहां पर विद्युत उत्पादन करने का परियोजना प्रस्तावित है।

बछराजकुंवर- यह स्थान प्रतापपुर परिक्षेत्र एवं धमनी परिक्षेत्र के सीमा पर आता है। यह स्थान के सीमा पर आता है । यह स्थान चलगली से 13 कि.मी. पर स्थित है। यह स्थान देव स्थान है तथा वन क्षेत्र के अन्दर है। यहां श्रद्धालुओं के द्वारा 12 मास पूजा अर्चना किया जाता है।


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