छत्तीसगढ़ में विशेष पिछड़ी जनजाति Vishesh Pichhadi Janjati


छत्तीसगढ़ राज्य में 5 विशेष पिछड़ी जनजातियों अबूझमाड़िया, कमार, पहाड़ी कोरबा, बिरहोर एवं बैगा के विकास के लिये विशेष अभिकरण का गठन किया गया है।
छतीसगढ़ के 10 जिलों में निवासरत इन जनजातियों की संख्या 1,14,483 है। विशेष रूप से कमजोर जनजातियों समूह के विकास हेतु 6 जिला स्तरीय अभिकरण प्रदेश में गठित है।

अबुझमाड़िया विकास प्राधिकरण - नारायणपुर
पहाड़ी कोरवा विकास प्राधिकरण - अम्बिकापुर
बैगा विकास प्राधिकरण - कवर्धा
बिरहोर विकास प्राधिकरण - जशपुर
कमार विकास प्राधिकरण - गरियाबंद

विशेष रूप से कमजोर जनजातियों समूह मे साक्षारता वृध्दि :-
विगत् दशक में (वर्ष 1992-93 वर्ष 2002-03) विशेष रूप से कमजोर जनजातियों की साक्षारता में उल्लेखनीय वृध्दि हुई है। वर्तमान में प्रत्येक 25 विद्यार्थियों (विशेष रूप से कमजोर जनजातियों) के लिये एक आवासीय शैक्षणिक संस्था उपलब्ध है।

छत्तीसगढ़ राज्य शासन द्वारा मान्यता प्राप्त विशेष पिछड़ी जनजातियाँ :-
छत्तीसगढ़ राज्य शासन द्वारा छत्तीसगढ़ की दो जनजातियों पण्डो तथा भुंजिया को विशेष पिछड़ी जनजाति के रूप में मान्यता दी गई है। इसको मिला कर, राज्य में विशेष पिछड़ी जातियों की संख्या 7 है।
पण्डो - इनका निवास क्षेत्र सूरजपुर है। पण्डो विकास अभिकरण का मुख्यालय सूरजपुर है।
भुंजिया - इनका निवास क्षेत्र गरियाबंद ( धमतरी ) है। पण्डो विकास अभिकरण का मुख्यालय गरियाबंद है।