उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम-2019 (Consumer Protection Act-2019) को 20 जुलाई से लागू कर दिया जाएगा। नया कानून उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 का ही नया स्वरूप होगा।
विशेषताएं
- नए कानून में उपभोक्ताओं को भ्रामक विज्ञापन जारी करने पर भी कार्रवाई की जाएगी
- उपभोक्ता देश के किसी भी कंज्यूमर कोर्ट में मामला दर्ज करा सकेगा
- नए कानून में Online और Teleshopping कंपनियों को पहली बार शामिल किया गया है
- खाने-पीने की चीजों में मिलावट होने पर कंपनियों पर जुर्माना और जेल का प्रावधान
- कंज्यूमर मीडिएशन सेल का गठन. दोनों पक्ष आपसी सहमति से मीडिएशन सेल जा सकेंगे
- PIL या जनहित याचिका अब कंज्यूमर फोरम में फाइल की जा सकेगी. पहले के कानून में ऐसा नहीं था
- कंज्यूमर फोरम में एक करोड़ रुपये तक के केस दाखिल हो पाएंगे
- स्टेट कंज्यूमर डिस्प्यूट रिड्रेसल कमीशन में एक करोड़ से दस करोड़ रुपये तक के केसों की सुनवाई होगी
- नेशनल कंज्यूमर डिस्प्यूट रिड्रेसल कमीशन में दस करोड़ रुपये से ऊपर केसों की सुनवाई