दुनिया 2030 तक जीरो हंगर करने के लिये, वर्ष 2006 से हंगर इंडेक्स जारी किया जाता है। ये संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास के लक्ष्यों में से एक है। हंगर को इस आधार पर मापा जाता है कि कोई व्यक्ति कितने कैलोरी ग्रहण करता है। ग्लोबल हंगर इंडेक्स चार पैमानों पर देशों को परखता है। ये चार पैमाने- कुपोषण, शिशु मृत्यु दर, चाइल्ड वेस्टिंग और बच्चों की वृद्धि में रोक हैं।
कौन जारी करता है ?
इसे वर्ष 2006 में बनाया गया था। शुरुआत में अमेरिका स्थित अंतर्राष्ट्रीय खाद्य नीति अनुसंधान संस्थान (IFPRI- International Food Policy Research Institute) और जर्मनी स्थित वेल्टहुंगरहिल्फ़ा (जर्मन- Welthungerhilfe, विश्व भूख सहायता संस्था) द्वारा प्रकाशित किया गया था। वर्ष 2007 में, एक आयरिश एनजीओ (NGO) कंसर्न वर्ल्डवाइड (Concern Worldwide, वैश्विक चिंतन) भी इसका एक सह-प्रकाशक बन गया। वर्ष 2018 में, IFPRI ने परियोजना में अपनी भागीदारी त्याग दी और वर्तमान में GHI केवल Welthungerhilfe और Concern Worldwide की संयुक्त परियोजना रह गई।
ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2020 में भारत की स्थिति:
रिपोर्ट के मुताबिक, 27.2 के स्कोर के साथ भारत भूख के मामले में 'गंभीर' स्थिति में है। 107 देशो की सूची में 94 वें पायदान पर भारत है।
इस रिपोर्ट के अनुसार, भारत की करीब 14 फीसदी जनसंख्या कुपोषण का शिकार है। वहीं भारत के बच्चों में स्टंटिंग रेट 37.4 फीसदी है। दरअसल, स्टन्ड बच्चे वो होते हैं, जिनकी लंबाई उनकी उम्र की तुलना में कम होती है।
भारत की तुलना मे पड़ोसी देशो की स्थिति:
- श्रीलंका 64
- इंडोनेशिया 70
- नेपाल 73
- बांग्लादेश 75
- म्यांमार 78
- पाकिस्तान 88