मोंहरी एक बांसुरी के समान वाद्ययंत्र है जो बांस के टुकड़ों का बना होता है। इसमें छः छेद होते हैं। इसके अंतिम सीरे में पीतल का कटोरीनुमा लगा होता है। एवं इसे ताड़ के पत्ते के सहारे बजाया जाता है ।
मोंहरी को मुख्यतः गंड़वा बाजा के साथ इसका उपयोग होता है ।
इन्हे भी देखें:
छत्तीसगढ़ के पारम्परिक वाद्ययंत्र
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