एकल संक्रमणीय मत पद्धति के जन्मदाता ब्रिटिश विद्वान हैमर को माना जाता है। डेनमार्क के मंत्री एंड्रे ने इस पद्धति को 1956 में डेनमार्क में लागू किया था। जिस वजह से इसे "एंड्रे सिस्टम" भी कहा जाता है। भारतीय संविधान में भी अनुच्छेद 55 के भाग 3 में इस पद्धति से राष्ट्रपति के निर्वाचन का प्रावधान है।
इस पद्धति को वरीयता पणाली भी कहते है। क्योकि मतदाता मत देते समय अपनी पसंद का वरीयता क्रम अंकित करता है।
3 comments
kaafi accha varnan hai
Ghanta Mera pura detail m ni bataya.....
Ekal sankramaniya mat Pranali ko kisne prakashit kiya
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