यह गुफा रायगढ़ जिला मुख्यालय से 20 किलोमीटर की दूरी पर तथा भूपदेवपुर रेलवे स्टेशन से मात्र 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। गुफा लगभग 30 हजार साल पुराना है, इनकी खोज एंडरसन द्वारा 1910 में की गई थी। इंडिया पेंटिग्स 1918 में तथा इन्साइक्लोपिडिया ब्रिटेनिका के 13 वें अंक में रायगढ़ जिले के सिंघनपुर के शैलचित्रों का प्रकाशन पहली बार हुआ था।
यहाँ पाषाणकालीन अवशेष पाये गए हैं। यहाँ विश्व की सबसे प्राचीनतम मानव शैलाश्रय स्थित है। यहां से छत्तीसगढ़ में प्राचीनतम मानव निवास के प्रमाण मिले हैं। यहां प्राप्त प्रागैतिहासिक कालीन तीन गुफाएं लगभग 300 मीटर लंबी तथा 7 फुट उंची है। इस गुफा के के बाहय दीवारों पर पशु एवं मानव की आकृतियां बनी हुई है, शिकार के दृश्य भी बने हुए हैं। देश में अब तक प्राप्त शैलाश्रयों में प्रागैतिहासिक मानव तथा नृत्यसांगना की चित्र केवल सिंघनपुर के शैलआश्रयों में प्राप्त है।
छत्तीसगढ़ के गुफा।
यहाँ पाषाणकालीन अवशेष पाये गए हैं। यहाँ विश्व की सबसे प्राचीनतम मानव शैलाश्रय स्थित है। यहां से छत्तीसगढ़ में प्राचीनतम मानव निवास के प्रमाण मिले हैं। यहां प्राप्त प्रागैतिहासिक कालीन तीन गुफाएं लगभग 300 मीटर लंबी तथा 7 फुट उंची है। इस गुफा के के बाहय दीवारों पर पशु एवं मानव की आकृतियां बनी हुई है, शिकार के दृश्य भी बने हुए हैं। देश में अब तक प्राप्त शैलाश्रयों में प्रागैतिहासिक मानव तथा नृत्यसांगना की चित्र केवल सिंघनपुर के शैलआश्रयों में प्राप्त है।
छत्तीसगढ़ के गुफा।