23 भारतीय भाषाओं के रचनाकारों को वर्ष 2019 का प्रतिष्ठित साहित्य अकादमी पुरस्कार देने की घोषणा 18 दिसम्बर, 2019 को की गई। इसमे सात कविता-संग्रह, चार उपन्यास, छह कहानी-संग्रह, तीन निबंध संग्रह, एक-एक कथेतर गद्य, आत्मकथा और जीवनी है।
कथेतर गद्य:
अंग्रेजी - डॉ शशि थरूर (एन एरा ऑफ डार्कंनेस)
अंग्रेजी - डॉ शशि थरूर (एन एरा ऑफ डार्कंनेस)
उपन्यास:
असमिया - जयश्री गोस्वामी महंत ('चाणक्य)
मणिपुरी - बेरिल थंगा (एल. बिरमंगल सिंह) (ई अमादी अदुनगीगी ईठत )
तमिल - चो. धर्मन (सूल )
तेलुगु - बंदि नारायणा स्वामी (सेप्ताभूमि )
असमिया - जयश्री गोस्वामी महंत ('चाणक्य)
मणिपुरी - बेरिल थंगा (एल. बिरमंगल सिंह) (ई अमादी अदुनगीगी ईठत )
तमिल - चो. धर्मन (सूल )
तेलुगु - बंदि नारायणा स्वामी (सेप्ताभूमि )
कविता:
हिन्दी - नंदकिशोर आचार्य (छीलते हुए अपने)
बोडो - फुकन चन्द्र बसुमतारी (आखाइ आथुमनिफ्राय)
कोंकणी - निलबा आ. खांडेकार (ध वर्डस्)
मैथिली - कुमार मनीष अरविन्द (जिनगीक ओरिआओन करैत)
मलयालम - वी. मधुसूदनन नायर (अचन पिरन्ना वीदु)
मराठी - अनुराधा पाटील (कदाचित अजूनही)
संस्कृत - पेन्ना-मधुसूदनः (प्रज्ञाचाक्षुषम्)
हिन्दी - नंदकिशोर आचार्य (छीलते हुए अपने)
बोडो - फुकन चन्द्र बसुमतारी (आखाइ आथुमनिफ्राय)
कोंकणी - निलबा आ. खांडेकार (ध वर्डस्)
मैथिली - कुमार मनीष अरविन्द (जिनगीक ओरिआओन करैत)
मलयालम - वी. मधुसूदनन नायर (अचन पिरन्ना वीदु)
मराठी - अनुराधा पाटील (कदाचित अजूनही)
संस्कृत - पेन्ना-मधुसूदनः (प्रज्ञाचाक्षुषम्)
कहानी संग्रह :
कश्मीरी : हाज़िनी (अख़ याद अख़ कयामत)
ओड़िया : तरुण कांति मिश्र (भास्वती)
पंजाबी : किरपाल कज़ाक (अंतहीन)
राजस्थानी : रामस्वरूप किसान (बारीक बात)
संथाली : काली चरण हेम्ब्रम (सिसिरजली)
सिंधी : ईश्वर मूरजाणी (जीजल)
कश्मीरी : हाज़िनी (अख़ याद अख़ कयामत)
ओड़िया : तरुण कांति मिश्र (भास्वती)
पंजाबी : किरपाल कज़ाक (अंतहीन)
राजस्थानी : रामस्वरूप किसान (बारीक बात)
संथाली : काली चरण हेम्ब्रम (सिसिरजली)
सिंधी : ईश्वर मूरजाणी (जीजल)
निबंध:
बाड्ला - चिन्मय गुहा (मेघुमेर दरजा थेले)
डोगरी - ओम शर्मा जन्द्रयाड़ी (बंदरालता दर्पण) गुजराती - रतिलाल बोरीसागर (मोजमा रेवुं रे !)
बाड्ला - चिन्मय गुहा (मेघुमेर दरजा थेले)
डोगरी - ओम शर्मा जन्द्रयाड़ी (बंदरालता दर्पण) गुजराती - रतिलाल बोरीसागर (मोजमा रेवुं रे !)
आत्मकथा:
कन्नड़ - विजया को (कुड़ी एसारू)
कन्नड़ - विजया को (कुड़ी एसारू)
जीवनी:
उर्दू - प्रो. शाफे किदवई (सवनेह-सर सैयद : एक बाज़दीद)
उर्दू - प्रो. शाफे किदवई (सवनेह-सर सैयद : एक बाज़दीद)
इन्हें भी देखें: