छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में दंतेश्वरी देवी के सम्मान में प्रति वर्ष होली के उपरांत फ़ाग मड़ई का आयोजन दंतेवाड़ा में किया जाता है। बस्तर दशहरा के समान यह आयोजन भी राजपरिवार एवं जनसामान्य के सामंजस्य से संपन्न होता है। फाग मड़ई, फागुन शुक्ल की सष्ठी से ले कर चौदस तक आयोजित की जाती है।
ताड़ फंगला धोनी:
परंपरानुसार फागुन मंडई की रात ताड़फंगला धोनी रस्म होती है। इस दौरान ताड़ पत्तों को सेवादार माईजी के तालाब में धोकर दंतेश्वरी मंदिर में रखेंगे। जिसे होलिका दहन के दिन सती शिला के समक्ष जलाया जाएगा। इस पत्ते के हवा में उड़े राख को पवित्र माना जाकर तिलक लगाया जाता है। लोग में मान्यता है कि इस राख को घरों में प्रेत बाधाओं से बचने के लिये रखते हैं।
फागुन मंडई में कार्यक्रम:
ताड़ फंगला धोनी:
परंपरानुसार फागुन मंडई की रात ताड़फंगला धोनी रस्म होती है। इस दौरान ताड़ पत्तों को सेवादार माईजी के तालाब में धोकर दंतेश्वरी मंदिर में रखेंगे। जिसे होलिका दहन के दिन सती शिला के समक्ष जलाया जाएगा। इस पत्ते के हवा में उड़े राख को पवित्र माना जाकर तिलक लगाया जाता है। लोग में मान्यता है कि इस राख को घरों में प्रेत बाधाओं से बचने के लिये रखते हैं।
फागुन मंडई में कार्यक्रम:
- पालकी और ताड़फंगला धोनी
- पालकी और खोर खूंदनी
- पालकी और नाच मांडनी
- पालकी और लमहामार
- पालकी और कोडरीमार
- पालकी और चितलमार
- पालकी और गंवरमार एवं गारी
- पालकी, आंवरामार व होलिका दहन
- रंग- भंग और पादूका पूजन
- मेला मंडई
- आमंत्रित देवी-देवताओं की विदाई